दिल्ली

उम्मीदों का सफर : अविनाश ने जोखिम लिया, कंपनी बनाई, सफलता की ओर हैं अग्रसर!

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आनंद सिंह, नई दिल्ली

एक दौर में पिछड़ा और बीमारू माने जाने वाला बिहार आज की तारीख में कई क्षेत्रों में देश को नई दिशा दे रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के अति महत्वाकांक्षी स्टार्ट अप की बात करें तो बिहार के कुछ नौजवानों ने इसे अलग ही तरीके से अंजाम दिया है। काबिले जिक्र है कि इन नौजवानों ने बेहद अल्प समय में स्टार्टअप के जरिये जो सफलता हासिल की, वह शानदार है।
बिहार (अब झारखंड) के झुमरीतिलैया जैसे बेहद छोटे शहर में जन्में अविनाश सिंह परमार ने करियर के रूप में होटल प्रबंधन को चुना। देश के शीर्ष के होटलों में काम करने के बाद एक दिन उनके मन में आया कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाए जो अपना हो, नयापन के साथ हो और लोगों को रोजगार भी मिले? यह ख्याल था तो उम्दा पर इसमें जोखिम भी काफी था। उस दौर में स्टार्ट अप की बात भी नहीं थी, सो जोखिम और बढ़ रहा था। अविनाश के मित्र दिनेश सिंह को यह बात समझ में आई। उन्हें समझ में आया कि नौकरी करने से टफ है नौकरी देने वाला बनना और दृढ़ निश्चय यह हुआ कि दोनों मिल एक कंपनी कर खोलेंगे। वर्दा ग्रुप आफ होटल्स का नाम तय हुआ। वर्दा का अर्थ होता है यंग एंड फ्रेश। यह एक लैटिन शब्द है। अविनाश और दिनेश ने अपने करियर के अहम डेढ़ दशक इसी गोवा में व्यतीत किये थे। 2011 में यह कंपनी शुरू हुई। पैसे की दिक्कत थी। दोनों ने अपनी जमापूंजी लगाकर कंपनी को आगे बढ़ाया। 30 जून 2017 को डीआइपीपी के तहत स्टार्ट अप का पंजीकरण हुआ पर इन्हें कोई सहायता मिली नहीं। इसके बावजूद इनकी जिद थी कि कंपनी को आगे बढ़ाएंगे।
अविनाश के अनुसार, अब तक इस ग्रुप के तहत उन होटलों को मैनेजमेंट कांट्रैक्ट पर लिया गया, जिनके मालिकान उन्हें चला नहीं पा रहे थे। इन लोगों ने उक्त होटलों को अपने अधीन कर न सिर्फ प्रोफेशनल तरीके से चलाया, उनके स्टैंडर्ड को उंचा किया, बल्कि उनके मुनाफे को भी बढ़ाया।

अविनाश

अविनाश बताते हैं सबसे पहले हमने अगस्त 2011 में वर्दा ग्रुप के तहत पहला होटल गोवा के अंजुना में शुरू किया। यह होटल कंपनी शुरू करने के 9 माह के बाद मिला। इसी साल एक और होटल को चलाने की जिम्मेदारी साउथ गोवा में मिली। फिर 2012 में दो और होटल आए। 2013 में एक होटल, 2014 में गोवा के बाहर पहला होटल कर्नाटक के हुबली में, 2014 में ही मैंगलोर में एक और होटल, 2015 में बैंगलोर में एक होटल, 2017 में कर्नाटक के धारवाड़ में एक होटल, 2018 में कर्नाटक के हुबली में एक और होटल और 2019 में झारखंड के देवघर में एक होटल मिला।
अविनाश कहते हैं कि होटल खोलना बड़ी बात नहीं, उसे प्रोफेशनली चलाना बड़ी बात है। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि अपनी मातृभूमि में हम होटल चला रहे हैं जो सेवा और उच्च मानकों के आधार पर सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं यह जरूर चाहूंगा कि हम जैसे प्रतिभाशाली, विजनरी लोगों को स्टार्टअप का लाभ मिले। स्टार्ट अप की मूल समस्या संसाधनों की होती है। यह दूर करना बेहद जरूरी है। तभी प्रधानमंत्री जी के सपने को और बढ़िया तरीके से साकार किया जा सकेगा।

क्या है विजन

वर्दा ग्रुप आफ होटल्स, गोवा के सीइओ एवं को-फाउंडर अविनाश एस. परमार कहते हैं कि वर्दा को विश्वस्तरीय होटल चेन बनाना और निकट भविष्य में बिहार और झारखंड के साथ देश के अन्य शहरों में मौजूदगी दर्ज कराना हमारा मूल मकसद है। हम हर अतिथि को बेहतरीन सेवा मुहैया कराने को लेकर कृतसंकल्पित हैं।

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