नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में Diwali की रात एक बार फिर प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया| रातभर जमकर आतिशबाजी हुई और पटाखों की प्रदूषण से दिल्ली की हवा में जहर खुल गया| न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, पटपड़गंज सत्यवती कॉलेज और आरके पुरम जैसे इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 तक पहुंच गया| क्योंकि प्रदूषण का बेहद खतरनाक किस तरह माना जाता है| हालांकि कुछ इलाकों में पटाखों का शोर कम सुनाई दिया| इनमें दिल्ली के कुछ बाहरी इलाके भी शामिल है| स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले साल तक जहां घरों में इतना दुआ भर जाता था कि सामने की चीजें भी नजर नहीं आती थी और सांस लेना भी मुश्किल हो जाता था लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ| इस बार इन इलाकों में पटाखों का कुछ कम इस्तेमाल हुआ लेकिन दिल्ली के कुछ अन्य इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया|
Diwali पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए रात भर पटाखे फोड़े गए| वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पटाखे न जलाने की अपील को भी लोगों ने नजरअंदाज कर दिया| हालांकि छोटी Diwali के दिन यह स्तर काफी कम था| लेकिन रात में जमकर आतिशबाजी हुई और रविवार की सुबह से ही प्रदूषण खराब स्तर पर पहुंच गया| एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार सुबह प्रदूषण का स्तर 313 दर्ज किया गया जबकि दोपहर में यह 341 पर पहुंच गया|
Diwali की रात को हालात बेकाबू हो गए और कई इलाकों में सांस लेना तक मुश्किल हो गया| ऐसा ही कुछ हाल गुड़गांव और नोएडा के कुछ इलाकों में भी देखने को मिला| यहां भी आतिशबाजी मुसीबत बनकर आई और सांस के मरीजों के लिए भारी परेशानी साबित हुई|