नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
अमेरिका और ईरान की लड़ाई के बीच दुनिया भर में जो माहौल बन रहा है वह तीसरे विश्व युद्ध की ओर इशारा कर रहे हैं. इस संबंध में ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ ने नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के दौरान ही भविष्य वाणी कर दी थी. लेकिन क्या वाकई में तीसरा विश्व युद्ध होगा? इस संबंध में ज्योतिष क्या कहता है? इसे लेकर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष रत्नाकर नरेश नाथ ने ज्योतिष गणना के आधार पर कुछ तथ्य और सुझाव जनता के समक्ष रखे हैं.
इंडिया टाइम 24 से खास बातचीत में नरेश नाथ ने कहा है, ‘मोदी जी के शपथ ग्रहण समारोह 30 मई 2019 के मेरे लेख में लिखा गया था कि 2020 मैं दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की ओर बढ़ेगी. इस संदर्भ में स्थितियां आजकल बन रही हैं वे इस युद्ध की भूमिका का प्रथम भाग हो सकता है क्योंकि जब तक शनि और सूरज का षडाष्टक योग नहीं बनता तब तक विश्व मटियामेट नहीं हो सकता. यह युति 14 जून से शुरू होकर सितंबर 2020 तक बनेगी. 14 जून को चूड़ामणि सूर्य ग्रहण लग रहा है. यह इस सभ्यता का शायद आखरी सूर्य ग्रहण हो.’
उन्होंने कहा कि लोगों के मन भावना और चरित्र में उग्रता का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. अपने स्वयं के सिद्धांत को दुनिया पर थोपने से यह उग्रता और बढ़ेगी.
सारांश यह है कि जब-जब आबादी बढ़ जाती है धरती पर भार बढ़ जाता है, पाप की अधिकता होती है तो धरती माता महादेव के पास जाकर धरती का भार हल्का करने के लिए निवेदन करती है. यह योग सूर्य और शनि के षडाष्टक योग और राहु और केतु के साथ में होने पर बनता है. तभी महादेव त्रिनेत्र खोलते हैं और सिर सृष्टि ज्वाला भूत में होकर नाश को प्राप्त होती है. अभी भी सभ्यता के पास समय है कि वह संयम से काम ले.
जिस सभ्यता का धर्म उज्ज्वल होता है वही सभ्यता स्थिर रहती है अन्यथा बाकी सब विनाश को प्राप्त होते हैं.