दिल्ली

दिल्ली में 8 फरवरी को होंगे चुनाव, 11 को आएगा रिजल्ट, देखें किसका पलड़ा है भारी, कौन कर रहा दावेदारी 

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है| 8 फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा और 11 फरवरी को चुनाव परिणाम आएंगे| दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना है| इनमें 67 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है और 3 विधानसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई पिछले चुनाव में आई थी| बात अगर दिल्ली में सरकार बनाने की करें तो यहां पर पिछले 6 साल से अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और आम आदमी पार्टी सत्ता में है वहीं पर इससे पहले 15 साल कांग्रेस की शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रही थी और बीजेपी सत्ता से बाहर थी| दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी लगभग 21 वर्षों से सत्ता से बाहर है लेकिन इस बार भाजपा को सत्ता में आने की उम्मीद नजर आ रही है| हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में यहां जितने विकास कार्य करवाए गए हैं और जो माहौल अरविंद केजरीवाल के पक्ष में बनता नजर आ रहा है उसे देखते हुए यह कहना आसान नहीं होगा कि आम आदमी पार्टी दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाएगी| सबसे बड़ा सवाल भारतीय जनता पार्टी के सामने मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सामने आ रहा है| पिछली बार भारतीय जनता पार्टी ने किरण बेदी को अपना चेहरा बनाया था लेकिन वह खुद अपनी जमानत तक नहीं बचा पाई थी| और बाद में उन्हें राज्यपाल बनाकर भेज दिया गया| चेहरे की बात करें तो कांग्रेस ने भी अभी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी उम्मीदवार की आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं की है| लेकिन अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी का चेहरा बनकर मैदान में उतर रहे हैं| बहरहाल सियासी समीकरण देखे जाएं तो कॉन्ग्रेस कपल ना इस बार भारतीय जनता पार्टी से मजबूत नजर आ रहा है| लेकिन कांग्रेस जितनी मजबूत होगी उतना ही फायदा भारतीय जनता पार्टी को होगा| दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की झोली में जो वोट पड़े थे वह कांग्रेस के खाते के थे| अगर इस बार इनमें से कुछ वोट वापस हासिल करने में कांग्रेस कामयाब हो जाती है तो वह आम आदमी पार्टी के ही वोट कटेगी| अतः अप्रत्यक्ष तौर पर ही सही लेकिन भारतीय जनता पार्टी को ही इसका फायदा मिलेगा| भाजपा यहां 21 साल से वनवास काट रही है. इसलिए उसके खाते में जो कुछ भी आएगा वह उसकी उपलब्धि ही मानी जाएगी| हालांकि केजरीवाल ने जिस तरह से चुनाव से पहले ही कैंपेन शुरू कर दिया था और जिस तरह से वह अपने द्वारा किए गए विकास कार्यो का हवाला देकर वोट मांगने में लगे हुए हैं उससे ऐसा लगता नहीं है कि केजरीवाल को शिकस्त देना आसान होगा| बहरहाल दिल्ली में नई सरकार किसकी होगी यह 11 फरवरी को ही तय होगा|

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