झारखण्ड

पुलिस एवं पत्रकार की मौजूदगी में गिनीज बुक रिकार्डधारी को पत्नी ने दी मुखाग्नि

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल 

कभी अपने हैरत अंगेज कारनामों से सैकड़ों लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने को विवश कर देने वाले चार बार के गिनीज बुक रिकॉर्डधारी व पोर्ट आॅफ ब्लेयर के पूर्व स्पोर्टस अधिकारी सूरज कुमार चौधरी को शुक्रवार को बोेकारो थर्मल स्थित कोनार नदी के घाट पर चंद पुलिसकर्मियों, सीआईएसएफ अधिकारी, जवान एवं पत्रकारों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। गिनीज बुक रिकार्डधारी को हिमाचल प्रदेश से पहुंची उनकी 41 वर्षीय पत्नी काजोल चैधरी ने मुखाग्नि दी। मुखाग्नि के वक्त पत्नी फूट-फूटकर रोने लगी। इसके पूर्व बोकारो थर्मल थाना के इंस्पेक्टर उमेश कुमार ठाकुर ने मृतक रिकार्डधारी के मोबाइल से कई स्थानों पर फोन कर हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर अंतर्गत नाहन में रहनेवाली पत्नी काजल चौधरी को सूचना दी थी। सूचना पाकर मृतक की पत्नी ने इंस्पेक्टर से आग्रह किया था कि उसके आने के बाद ही पति का पोस्टमार्टम करवाया जाय। इंस्पेक्टर ने मृतक का शव डीवीसी के स्थानीय हाॅस्पिटल स्थित शवगृह में 3 मार्च को ही रखवा दिया था। गुरुवार की रात्रि स्टंटमैन की पत्नी के आने के बाद शुक्रवार को उसका पोस्टमार्टम थाना के अवर निरीक्षक सुरेश राम तथा पीएसआई गौतम आनंद ने तेनुघाट अनुमंडलीय हाॅस्पिटल में करवाया। पोस्टमार्टम के वक्त पत्नी साथ में मौजूद थी।
कोनार नदी तट पर किया गया अंतिम संस्कार-मृतक रिकार्डधारी का अंतिम संस्कार के लिए डीवीसी के अपर निदेशक नीरज सिन्हा तथा सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर मदन ठाकुर ने पावर प्लांट से लकड़ी एवं कोयला उपलब्ध करवाया। पूरे हिंदू रीति रिवाज से पत्नी ने कोनार नदी घाट पर कर्मकांड को अंजाम देकर मुखाग्नि दी। मुखाग्नि के वक्त काजोल के सब्र का बांध टूट पड़ा और वह फूटकर रोने लगी.कोनार नदी तट पर अंतिम संस्कार के समय थाना के अवर निरीेक्षक सुरेश राम, पीएसआई गौतम आनंद, सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर मदन ठाकुर, जी चौधरी तथा स्थानीय पत्रकारों में संजय कुमार मिश्रा, रामचंद्र कुमार अंजाना, पृथ्वी कुमार, सूरज सिंह, संजय गिरी मौजूद थे।


सात वर्ष से घर नहीं गये थे रिकार्डधारी-अंतिम संस्कार के बाद रिकार्डधारी की पत्नी ने बताया कि उनके पति पिछले सात वर्षों से घर नही आये थे और ना ही घर कोई रुपया भेजते थे। उनकी 16 वर्ष की पुत्री श्रेया चौधरी हिमाचल प्रदेश में बारहवहीं की परीक्षा दे रही है। कहा कि उन्हें पेंशन से 70 हजार रुपया तथा चार बार के गिनीज बुक विजेता होने के कारण 12 लाख रुपया वार्षिक मिलता था, परंतु सारी राशि दक्षिण त्रिपुरा में चलाये जाने वाले उनके अनाथालय सीता शिशु निकेतन को दान कर देते थे। कहा कि उनकी शादी 27 जुलाई 1995 को हुई थी। काजोल खुद हिमाचल प्रदेश में एक एनजीओ चलाकर अपना एवं पुत्री का भरण पोषण करती है।
बेटी एवं परिजनों को दिखाया अंतिम संस्कार का लाईव-रिकार्डधारी की पत्नी ने स्थानीय कोनार नदी के घाट से अंतिम संस्कार का लाईव अपनी पुत्री तथा परिजनोें को दिखाया। परिजन एवं पुत्री लाईव को देखकर काफी भावुक हो गये।


पुलिस,सीआईएसएफ एवं मीडिया के प्रति जताया आभार-रिकार्डधारी की पत्नी ने बोकारो थर्मल थाना के इंस्पेक्टर एवं पुलिसकर्मियों, सीआईएसएफ तथा मीडियाकर्मियों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि घर से बाहर मौत होने के बाद भी उन्हें जो सहयोग एवं पति को जो इज्जत मिली उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कहा कि अपने एनजीओ के माध्यम से वह यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ काम करना चाहेंगी।
फोटो-कोनार नदी पर पति को मुखाग्नि देती पत्नी, काजोल, रिकार्डधारी का फाईल फोटो।

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