सोहना, संजय राघव
लॉक डाउन में फसे प्रवासी मजदूरों की प्रशासन कोई भी सुध नहीं ले रहा। मजदूर प्रशासन के अधिकारियों से मिलते तो हैं लेकिन कोई भी उन्हें आश्वासन नहीं दे रहा ।हालांकि केंद्र सरकार लोक डाउन के दौरान फसे मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के बात कह रही है। लेकिन धरातल पर मजदूरों की कोई भी प्रशासनिक अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। ऐसा ही हाल सोहना में देखने को मिल रहा है जहां पर दर्जनभर से अधिक प्रवासी मजदूर उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब वह अपने घर पर पहुंच सकें.
केंद्र सरकार लॉक डाउन के दौरान अन्य प्रदेशों में फंसे मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए बात कह रही है लेकिन सोहना में दर्जनभर से अधिक प्रवासी मजदूर जोकि उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं ।लोक डाउन के समय से ही वह सोहना के ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे हुए हैं ।लेकिन अभी तक हरियाणा सरकार व प्रशासन उनके लिए कोई भी योजना तैयार नहीं कर पाया है। यह सभी मजदूर आसपास खेतों में रहते हैं वह प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर अपने शिकायतें भी करते हैं। लेकिन कोई भी इनकी शिकायत सुनने को तैयार नहीं है।
उम्मीद में बैठे मजदूर
लॉकडाउन के समय से ही मजदूर उस दिन के इंतजार में बैठे हैं जब प्रशासन उन्हें अपने घर जाने की अनुमति दे दे। मजदूर इत्तेफाक, जुबेर ने बताया कि उन्हें प्रशासन परमिशन दे दे तो अपने ही किराए से वह अपने घर पहुंच जाएं। उन्हें प्रशासन से अभी तक कोई भी आश्वासन नहीं मिल पा रहा है.
इस मामले में खंड विकास अधिकारी से लेकर सोहना एसडीएम तक इस मामले में जब पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी तक कोई भी केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार से इन प्रवासी मजदूरों को बाहर भेजने का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है आदेश मिलने के बाद ही इन्हें यहां से बाहर उनके घर तक भेजा जाएगा.
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