बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
गर्मी के मौसम का महीना बैशाख बारिश के बीच बीत गया। और अब गर्मी के लिए प्रसिद्ध महीना जेठ चलने लगा है बावजूद बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही है, जो कि खेतीबारी कार्य के लिए नुकसानदेह साबित हो रही है। आंधी-पानी और ओलावृष्टि के कारण बेरमो अनुमंडल का नावाडीह प्रखंड, जो खेती बाहुल्य इलाका है को काफी नुकसान पहुंचा है।
दोहरी मार का सामना: यहां के किसान काफी चिंतित हैं। एक तो वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर लागू लॉक डाउन ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। ऊपर से गर्मी में बारिश का मौसम के कारण किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। आखिरकार पूरी तरह से खेती पर निर्भर रहनेवाले के यहां के किसानों को अब अपनी रोजी-रोटी पर भी संकट दिखाई दे रहा है।
किसानों की व्यथा
लहिया के किसान नुनूचंद महतो, नाथुराम महतो, मैनवा देवी व ललिता देवी ने कहा कि हम किसानों की स्थिति सबसे बुरी हो गयी है। एक तो कोरोना ने कहीं का नहीं छोड़ा। और अब इस बेमौसम ने मानो पूरी तरह से बर्बाद करके रख दिया। लोकी, करेला, झिंगी, खीरा, तरबूज आदि को आंधी-पानी और ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ। इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार मिश्रा कहते है कि ओलावृष्टि से हुई नुकसान फसल की फोटोग्राफी की जायेगी। इसके बाद सूची बनाकर रांची भेजी जायेगी व क्षति पूर्ति की मांग की जायेगी। इससे पहले किसान प्रखंड कृषि कार्यालय में आवेदन जमा करें।