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फिरौती की रकम से प्रेमी के साथ बसाना चाहती थी घर, पांच साल के बेटे का करवा दिया अपहरण, पुलिस ने किया गिरफ्तार, पढ़ें मां का काला कारनामा

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मुरादाबाद, एजेंसी

वो शादीशुदा थी. उसका पांच साल का एक बेटा भी है पर अब वह दोबारा शादी करना चाहती है. प्रेमी के साथ घर बसाना चाहती है. प्रेमी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो प्रेमिका को ऐशो आराम की जिंदगी दे सके लेकिन उसके पति के पास पैसों की कोई कमी नहीं है.  तो उसने प्लान बनाया अपने ही पति से पैसे ऐंठने का. प्रेमी को इस प्लान में शामिल भी कर लिया और अपने बेटे का अपहरण करवा दिया. तीस लाख की फिरौती मांगी गई लेकिन उसके अरमान पूरे होने से पहले ही पुलिस ने उसे और प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी महिला का नाम शिखा है और उसके प्रेमी का नाम अशफाक है. शिखा मुरादाबाद में रहती है और उसका प्रेमी तेलंगाना का रहने वाला है. फेसबुक से दोनों के बीच प्यार पनपा और मुरादाबाद और मेरठ के होटलों में दो जिस्म एक जान बन गए. शिखा प्रेमी से शादी करना चाहती थी मगर चंद टुकड़ों के लिए मोहताज भी नहीं बनना चाहती थी. इसलिए वह प्रेमी का कारोबार सेट करना चाहती थी और इसके लिए जरूरत थी ढेर सारे पैसों की. उसके पति के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी लिहाजा उसने अपने पति के पैसों से प्रेमी के साथ नई दुनिया बसाने का फैसला किया. यहीं से अपने बेटे के अपहरण का प्लान बनाया और बेटा किसी को कुछ न बताए इसके लिए 15 दिन तक बेटे को ट्रेनिंग भी दी. प्रेमी के साथ घर बसाने की चाहत में ध्रुव की मां शिखा ने अपने पांच साल के बेटे की जिंदगी को ही दांव पर लगा दिया। उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर बेटे के अपहरण की साजिश रची लेकिन फिरौती वसूलने में कामयाब नहीं हो सकी। घटना के 11 दिन बाद पुलिस ने आरोपी मां और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि करीब दो साल पहले ध्रुव की मां शिखा की फेसबुक के जरिए तेलंगाना के गांव जलालपुर (निजामाबाद) निवासी मोहम्मद अशफाक से दोस्ती हो गई। दोनों के बीच फेसबुक पर रोजाना बातें होने लगीं। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों एक साथ नई जिंदगी गुजारने के सपने देखने लगे। इसके बाद अशफाक कई बार शिखा से मिलने मुरादाबाद आया। अलग-अलग शहरों में वह शिखा के साथ रहा। छुप-छुप कर मिलने से वे तंग आ चुके थे। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन पैसा आड़े आ रहा था। इसके लिए शिखा ने प्रेमी के साथ मिलकर बेटे के अपहरण की साजिश रची ताकि फिरौती की रकम से दोनों ऐशो आराम की जिंदगी गुजार सकें। इससे पहले कि दोनों के अरमान पूरे होते पुलिस की सख्ती के डर से उनकी पूरी योजना का पर्दाफाश हो गया।
एसएसपी ने बताया कि गौरव और शिखा जिस मकान में रहते थे वह गौरव के नाना का था। उम्मीद थी कि नाना गौरव के नाम कुछ संपत्ति कर जाएंगे लेकिन लाकडाउन से पहले नाना की मौत के बाद मालूम हुआ कि उन्होंने गौरव को कुछ भी नहीं दिया है। नाना ने जायदाद गौरव की मौसी रेखा को दे दी है। यह जानने के बाद शिखा ने बेटे ध्रुव के अपहरण का प्लान बनाया और इस काम के लिए प्रेमी अशफाक को राजी कर लिया। उसका मानना था कि अगर ध्रुव का अपहरण हो जाएगा तो गौरव की मां और मौसी फिरौती की रकम दे देंगी। प्रेमिका की बातों में आकर प्रेमी अशफाक भी प्लान बनाने में जुट गया। ध्रुव से नजदीकियां बढ़ाने के लिए काफी समय पहले वह इसी मोहल्ले में किराए का कमरा लेकर रहने लगा। गौरव की गैरमौजूदगी में वह अक्सर शिखा से मिलने घर जाता था। इस दौरान उसने ध्रुव से भी दोस्ती कर ली। आस-पड़ोस के लोगों का भरोसा जीतने के लिए वह कई बार ध्रुव को घुमाने भी ले गया। यही वजह रही कि शिखा के समझाने पर ध्रुव आसानी से अशफाक के साथ कार में बैठकर चला गया।
एसएसपी ने बताया कि प्लान के तहत तय हुआ था कि अशफाक रकम मिलने के बाद ध्रुव को सकुशल मुरादाबाद छोड़ेगा। इधर, पुलिस जब पीछे पड़ गई तो इसकी सूचना शिखा ने प्रेमी को दी। साथ ही ध्रुव को मुरादाबाद छोड़ने को कहा। घबराए अशफाक ने ध्रुव को छोड़ने के लिए वारदात की रात गौरव को इंटरनेट काल की लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद अशफाक मुरादाबाद की बजाय गाजियाबाद में कौशांबी डिपो में रोडवेज बस पर ध्रुव को बैठाकर चला गया। ध्रुव के हाथ में मोबाइल नंबरों की एक पर्ची देने के साथ ही गौरव को फोन करके उसे बस में बैठाने की बात कही।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने आरोपी मां शिखा, प्रेमी अशफाक और तेलंगाना के जिला निजामाबाद के ग्राम साटापुर निवासी टैक्सी चालक इमरान खां को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों के पास से वारदात में प्रयुक्त फोन और कार भी बरामद कर ली गई है। तीनों आरोपियों का चालान कर दिया गया है।

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