नीरज सिसौदिया, शाहबाद
कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मचारियों की वजह से भले ही यूपी पुलिस का नाम बदनाम हो रहा हो लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो आज भी मजलूमों और बेबसों को इंसाफ दिलाने के लिए तत्पर हैं. ऐसी ही एक शख्सियत का नाम है श्रीकांत प्रजापति. श्रीकांत प्रजापति रामपुर जिले के मिलक क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी हैं. पिछले दिनों एक विधवा के दर्द को इंडिया टाइम 24 ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस विधवा का नाम शहाना है और वह करीब पांच माह से अपने पति के हत्यारोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर पुलिस अधिकारियों के दर पर गुहार लगा रही थी लेकिन उसे कभी चौकी दौड़ाया जाता था तो कभी थाने दौड़ाया जाता. इतनी भागदौड़ के बाद भी शहाना को इंसाफ नहीं मिला तो समाजसेवी डा. तस्लीम कुरैशी और उनकी बहन एडवोकेट रीना हनीफ ने उसे इंसाफ दिलाने का बीड़ा उठाया. तमाम कोशिशें नाकाम हुईं लेकिन दोनों भाई बहनों ने हार नहीं मानी और शहाना को इंसाफ दिलाने की ठान ली.
इंडिया टाइम 24 के पास यह मामला लेकर पहुंचे तो हमने उनकी आवाज को बुलंद किया. इंडिया टाइम 24 में समाचार प्रकाशित होने के बाद मामले की जांच मिलक पुलिस क्षेत्राधिकारी श्रीकांत प्रजापति को सौंपी गई. इसके बाद शहाना को इंसाफ मिलने का रास्ता साफ हो गया. जिस मामले की जांच ढकिया चौकी इंचार्ज श्रीपाल सिंह और शाहबाद थाना प्रभारी पांच महीने में भी पूरी नहीं कर पा रहे थे उसे सीओ ने एक दिन में पूरा कर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. शहाना के पति नन्हे खां के हत्यारोपी भाई कल्लू और उसकी पत्नी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 420, 506, 201 सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया. सीओ ने सिर्फ मुकदमा दर्ज करने की औपचारिकता ही नहीं निभाई बल्कि वह खुद पीड़िता के गांव गए. वहां का हाल जाना और जमीनी स्तर पर पूरी तहकीकात करने के बाद शहाना को इंसाफ दिलाया.
सीओ के इस कदम ने जहां पुलिस की छवि को सुधारने का काम किया है तो वहीं शहाना और उसके दो मासूम बच्चों को सुरक्षा भी प्रदान की है. शहाना को अब भरोसा है कि पुलिस उसे इंसाफ जरूर दिलाएगी और उसके पति के हत्यारोपियों और उसकी जमीन हड़पने वालों को जल्द ही सलाखों के पीछे भेजेगी. शहाना ने इस कार्रवाई के लिए सीओ का आभार जताया है.
बता दें कि सीओ श्रीकांत प्रजापति को अभी मिलक सीओ का कार्यभार संभाले एक साल भी नहीं हुआ है लेकिन अपनी कार्यशैली से उन्होंने लोगों के मन में अपनी जगह बना ली है. साथ ही पुलिस की निष्पक्ष भूमिका को उभारने में भी अहम भूमिका निभाई है.