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सिर्फ हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर ही नहीं कई सर्राफा कारोबारी दबाए बैठे हैं अरबों का आयकर, खपा रहे तस्करी का सोना

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नीरज सिसौदिया, बरेली
सोमवार को आयकर विभाग की टीमों ने प्रदेश के विभिन्न शहरों में नामी ज्वैलर्स के प्रतिष्ठानों और घरों पर छापेमारी कर आयकर चोरी पकड़ी थी. इनमें बरेली के हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स भी शामिल हैं. दिलचस्प बात यह है कि बरेली में आयकर की टीम ने सिर्फ एक ही ज्वैलर को निशाना बनाया जबकि यहां कई बड़े सर्राफा कारोबारी ऐसे हैं जिनके प्रतिष्ठानों पर यदि ईमानदारी से छापेमारी की जाती तो करोड़ों की नहीं बल्कि अरबों रुपये की कर चोरी का खुलासा हो सकता था. ये कारोबारी न सिर्फ आयकर चोरी कर रहे हैं बल्कि विदेश और विभिन्न प्रदेशों से लाया जा रहा तस्करी का सोना भी अपने प्रतिष्ठानों में खपा रहे हैं. इन ज्वैलर्स पर विभागीय अधिकारी इसलिए हाथ डालने से कतराते हैं क्योंकि इनमें से कई ज्वैलर्स राजनीतिक दलों को फाइनेंस करते हैं. कोई डोनेशन के रूप में तो कोई किसी और तरीके से सियासतदानों की झोलियां भरता है.
दरअसल, बरेली यूपी और उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों के बीच स्थित एकमात्र महानगर है. यहां अरबों रुपये का कारोबार होता है. पीलीभीत, टनकपुर, बनबसा और अन्य जगहाें पर कई इलाके नेपाल सीमा से सटे हैं. इसलिए इन इलाकों में बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी की जाती है. नेपाल से शारदा नदी में ट्यूब में भरकर सोने की खेप भारत में पहुंचाई जाती है. इसमें स्थानीय विभागीय अधिकारियों की भी कथित मिलीभगत रहती है. तस्करी कर लाया गया कुछ सोना तो स्थानीय स्तर पर ही खपा दिया जाता है लेकिन बाकी का लगभग साठ से सत्तर फीसदी सोना बरेली के बाजारों में खपाया जाता है. सूत्र बताते हैं कि स्थानीय पुलिस के कुछ अधिकारियों को भी ये ज्वैलर्स मोटा चढ़ावा चढ़ाते हैं. यही वजह है कि इनके खिलाफ आम तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. कार्रवाई तभी होती है जब शासन स्तर से इसके आदेश जारी होते हैं. अब चुनावी सीजन आ चुका है. ऐसे में ज्वैलर्स और कारोबारियों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज होना लाज़मी है. हरसहायमल ज्वैलर्स के यहां छापेमारी करके अन्य सभी ज्वैलर्स को एक संदेश दे दिया गया है. अब या तो इन कारोबारियों को सत्ता के आगे पूरी तरह से नतमस्तक होना पड़ेगा अथवा कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
फिलहाल अन्य सर्राफा कारोबारी सुरक्षित हैं. उनके खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं होनी है लेकिन विपक्षी दलों को फाइनेंसियल सपोर्ट करने वाले कारोबारियों के लिए यह छापेमारी एक सबक है. बहरहाल, बरेली में तस्करी का सोना खपाने और करोड़ों का आयकर दबाने वाले ज्वैलर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा.
सर्राफा एसोसिएशन का एक नेता भी है निशाने पर
हरसहायमल ज्वैलर्स के खिलाफ कार्रवाई के बाद शहर के ज्वैलर्स में हड़कंप मचा हुआ है. इनमें सर्राफा एसोसिएशन का एक नेता भी शामिल है जो पिछले काफी समय से तस्करी का सोना खपाने के साथ ही वजन के खेल में भी माहिर बताया जाता है. सूत्र बताते हैं कि यह नेता भी आयकर विभाग के निशाने पर है. बहरहाल, एक बड़े सियासतदान का करीबी होने के कारण इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन निकट भविष्य में इसके खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई होने के संकेत सूत्र दे रहे हैं.
28 घंटे से नगदी गिन रही आयकर विभाग की टीम
हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स के पास इतनी नगदी जमा है कि जिसे गिनने में आयकर विभाग का पूरा दिन गुजर गया. छापेमारी करने आई टीम ने पूरी रात ज्वैलर्स के यहां गुजारी और अभी तक कार्रवाई जारी है. पिछले करीब 28 घंटे से टीम पैसों की गिनती कर रही जो अब तक पूरी नहीं हो सकी है.

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