झारखण्ड

डीवीसी के अधिकारियों का किया घेराव, निकाली रैली

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बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना 
बोकारो थर्मल स्थित पावर प्लांट में रोजगार व मुलभूत सुविधा सहित छह सूत्री की मांगों को लेकर विस्थापितों ने सोमवार को प्लांट गेट के समक्ष प्रर्दशन करते हुए धरना दिया। इसके पूर्व स्थानीय लाल चैक से हजारों की संख्या में विस्थापित, रैयत और स्थानीय ग्रामीणों ने एक विशाल रैली निकाली। रैली लाल चैक से निकली और झारखंड चैक होते डीवीसी अस्पताल से गुजरते हुए प्लांट गेट पहुंचा, जहां प्रर्दशन करते हुए करते धरना में बैठ़ गए और डीवीसी अधिकारियों का किया घेराव। इस दौरान प्लांट में एक भी डीवीसी के अधिकारी अंदर नहीं जाने सकें। प्रर्दशन के दौरान डीवीसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रर्दशन को देखते हुए स्थानीय पुलिस और सीआईएसएफ के जवान प्लांट गेट में मुस्तैद दिखे। आंदोलनकारी के तेवर देख बेरमो डीएसपी सतीश चंद्र झा और थाना प्रभारी रविंद्र कुमार सिंह जवानों के साथ गेट पर कैंम्प कर दिए थे। धरना को संबोधित करते विस्थापित नेता विकास कुमार सिंह ने कहा कि जमीन हमारें पूवजों ने डीवीसी को दिया था, ताकि हमारें वशंज भूखे नहीं मरें। लेकिन यहां डीवीसी प्रबंधन की सौतेला व्यवहार के कारण विस्थावित, रैयत और स्थानीय ग्रामीण भूखे मरें पर विवश है। इसपर प्रबंधन ने आज तक विचार करने के बजाय भाई-भतीजावाज कर रहीं है। यहां पर लगभग 500 करोड़ की प्रदुषण नियंत्रक प्लांट लगाया जा रहा है, लेकिन विस्थावित, रैयत और स्थानीय ग्रामीणों को अनदेखी किया जाए जा रहा है। विस्थावित एवं स्थानीय संघर्ष समिति के वरीय नेता बालेश्वर यादव, करीम अंसारी, मुखिया मणिराम मुर्मू, महबूब आलम, दिनेश यादव व चंद्रदेव घांसी ने कहा कि पहलें विस्थावित, रैयत और स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार देना होगा उसके बाद प्लांट का निर्माण किया जाए। यहां के लोग छाई खाईगी और बाहरी सकरकंद खाऐगा। इनलोगों ने कहा कि डीवीसी को जमीन देने के बावजूद हमलोग पानी, बिजली सहित अन्य मुलभूत सुविधाओं से महरूम है। डीवीसी के विस्थापित गांवों में आज तक बिजली की व्यवस्था नहीं की है, पानी तो नदी और तालाब से मिलता है। कहा कि डीवीसी के प्रति जमीन को भू-माफियाओं के द्वारा बेचा जा रहा है। इसकी जानकारी कई बार प्रबंधन को दी गयी, लेकिन यहां से लेकर मुख्यालय प्रबंधन इस मामले में चुप्पी साधे हुई है। प्रबंधन हमारी छह सूत्री मांगों पर यथाशीघ्र्र्र्र विचार नहीं करंेगी, तो चरणवद्व आंदोलन किया जाऐगा। इस आंदोलन में विस्थापित गांव नयाबस्ती, आरमो, जरवाबस्ती, बाजारटांड, नुरीनगर व गैरमजरूवा के नरेश प्रजापति, लाली यादव, रोशन आरा, वाजीद खान, छत्रधारी महतो, मुबारक अंसारी, मोती बेसरा, कृष्णा साव, भुवनेश्वर सिंह, जागेश्वर महतो, हबीब अंसारी, सुरेंद्र घांसी, असरफ अंसारी, बिनोद यादव, हरेराम यादव, अख्तर अंसारी, सुनील साव सहित सैकडों ग्रामीण शामिल थें।
फोटो-बोकारो थर्मल स्थित प्लांट गेट पर प्रर्दशन करते विस्थापित, रैयत और स्थानीय ग्रामीण।
 डीवीसी प्रबंधन और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता
बोकारो थर्मल। विस्थापित, रैयत और स्थानीय ग्रामीणों के बीच प्लांट के पीपीएम भवन में दो पक्षीय वार्ता हुई। वार्ता में हुई समझौते की जानकारी देते हुए विस्थापित नेता बालेश्वर यादव ने कहा कि प्रबंधन के साथ हमारी मांगों को लेकर साकारत्मक बातचीत हुई। 85 विस्थापितों को पुनाः रोजगार से जोड़ा जाऐगा। तत्कालीन सांसद स्व. बिनोद बिहारी महतो के साथ त्रिपक्षीय समझौता को बहाल करने के लिए मुख्यालय में एक बैठक प्रबंधन के साथ होगी। स्थानीय प्लांट में 90 फीसदी विस्थापित, रैयत और स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार दिया जाऐगा। प्लांट के वार्षिक रख-रखाव के कामों और टेक्नो कंपनी में विस्थापितों को प्रमुखता दी जाऐगी। वार्ता में डीवीसी की ओर से मुख्य अभियंता अभिमन्यु प्रसाद सिंह, अपर निदेशक नीरज सिन्हा, दिलीप कुमार, रविंद्र कुमार, एके तिवारी और आंदोलनकारियों के तरफ से विकास कुमार सिंह, बालेश्वर यादव, दिनेश यादव, नरेश प्रजापति, रोशन आरा, प्रफुल्ल ठाकुर, पौलुश टुडू, मणीराम मुर्मू, महबूब आलम, चंद्रदेव घांसी, करीम अंसारी आदि शामिल थे।

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