यूपी

नमन कर नेताजी को अर्पित की पुष्पांजलि, काव्य पाठ भी हुआ

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नीरज सिसौदिया, बरेली

अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ परिवार के तत्वावधान में कर्मचारी नगर स्थित चित्रगुप्त मंदिर परिसर में आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की 125 वीं जयंती उन्हीं पर केंद्रित विचार गोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी आयोजित कर मनाई । जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष उपमेन्द्र सक्सेना एड. ने की।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ एवं विशिष्ट अतिथि समाज सेविका डॉ दीक्षा सक्सेना रहीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ नेता जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं राष्ट्रगान प्रस्तुत कर किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री उपमेन्द्र सक्सेना एड. ने कहा कि नेताजी देश के ऐसे महा नायकों में से एक हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उनके संघर्षों और देश सेवा के कारण ही महात्मा गांधी ने उन्हें देश भक्तों का देशभक्त कहा था। अपने सार्वजनिक जीवन में उन्हें 11 बार कारावास की सजा दी गई । सन्1941 ई. में जर्मनी पहुंचे और हिटलर से मुलाकात कर आजाद हिंद फौज की स्थापना की। उनका नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ ने युवाओं का उत्साहवर्धन करते हुए देशभक्ति की भावना जागृत की उन्हें नमन करते हुए अपना गीत पढ़ा-
नेता जी बुन गए यहां पर, आजादी का ताना-बाना।
सरल हो गया अंग्रेजों के, हाथों से सत्ता हथियाना।।
डॉ. दीक्षा सक्सेना ने कहा कि नेता जी जन्म से ही निडर थे और उनका सब ने लोहा माना आजादी की लड़ाई के लिए उन्हें दस बार जेल भी जाना पड़ा । जर्मन पहुंचकर हिटलर से मिले और आजाद हिंद फौज की स्थापना की आजादी इसी फौज की देन है।
प्रवक्ता योगेश जौहरी ने कहा कि नेता जी ने जब नारा दिया कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा हर कोई सुनकर दीवाना हो गया था और उन्होंने अपने दम पर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए।
प्रदेश महासचिव अतुल सक्सेना ने कहा कि नेताजी सही मायने में आजादी का ताना-बाना बुन गए हमारे लिए अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि उन्होंने कायस्थ कुल में जन्म लेकर हम सब का मान बढ़ाया।
जिला अध्यक्ष अंकित पारवाला ने सुनाया
प्यारे- प्यारे नेता जी को देखो भूल न जाना
उनके त्याग और परिश्रम को पूरे देश ने जाना।
मुख्य अतिथि साहित्यकार श्री रणधीर प्रसाद गौड़ धीर जी ने सुनाया
देश मांगता लहू आज मरदानों का।
उठो समय आ गया आज बलिदानों का।।
जगदीश निमिष ने अपनी कविता के माध्यम से कहा-
जन्म जनवरी तेइस का
व पिता जानकी बोस ।
कलिंग उड़ीसा कटक में जन्मे
श्री सुभाष जी बोस।।
डॉ राजेश कुमार शर्मा ने सुनाया
खून की बात फिर
आज याद याद आती है,
बिना खून सब सूना है,
यह प्रतीक त्याग ,
गर्व है हमें।
वरिष्ठ कवि कैलाश मिश्रा रसिक ने सुनाया
क्यों भटकत् संसार?
राम भजन के बिना बावरे, होय न बेड़ा पार।।
कार्यक्रम में कई कवियों- समाजसेवियों ने अपने विचारों व रचनाओं के माध्यम से नेताजी पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में सर्वश्री ईशान सक्सेना, प्रतिभा जौहरी ,धर्मेंद्र सक्सेना, राकेश सक्सेना निराश, अंकित पारवाला एड०, अतुल सक्सेना, राम कुमार अफरोज, नरेंद्र कुमार आर्य, रणधीर प्रसाद गौड़ ,योगेश जौहरी, डॉ दीक्षा सक्सेना, चंद्रप्रभा , प्रमोद गौरव सक्सेना एड., मनोज टिंकू, रामधनी निर्मल, कैलाश मिश्रा रसिक, डॉ राजेश कुमार शर्मा, जगतपाल सिंह, शंकर स्वरूप सक्सेना, मोहित गंगवार, रीतेश सहानी ,अर्थव सक्सेना, शेखर सक्सेना राकेश सक्सेना एवं संजय सक्सेना आदि कवि एवं समाजसेवी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन जगदीश निमिष ने किया.

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