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संविधान के रचने वाले बाबा नमन हमारा है…

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संविधान के रचने वाले बाबा नमन हमारा है
एक सूत्र में भारत बांधा बाबा नमन हमारा है
बचपन से ही प्रतिभाशाली सबसे आगे रहते थे
जाति के बंधन में बाबा तिरस्कार भी सहते थे
ब्राह्मण शिक्षक महादेव गुणगान प्रतिभा का करते थे
अंबेडकर का नाम दिया था प्रेम पुत्रवत करते थे
बौद्ध धर्म में आस्था रखते बौद्ध धर्म अपनाया था
तीन रतन हासिल करने पर पंचशील अपनाया था
मेरे नाम की जय मत बोलो संविधान की जय बोलो
केवल मेरे रस्ते पर चलना मेरी मत जय बोलो
अपने भाग्य से ज्यादा अपने काम पर मजबूती रखो
अपने भाग्य से ज्यादा अपने विश्वासों में दम रखो
आज जयंती पर बाबा मैं श्रद्धा सुमन चढ़ाता हूं
आज जयंती पर बाबा मैं शत-शत शीश नवाता हूं।

कवि अनिल सारस्वत, काशीपुर, उत्तराखंड
94129 82615, 8218594817 (इंतिख़ाब-राहत बरेलवी)

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