नीरज सिसौदिया, बरेली
पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. रोजाना लाखों नए मरीज कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और सैकड़ों लोग जान गंवा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जनता से बार-बार दो गज की दूरी और मास्क जरूरी के नियम का पालन करने की अपील कर रहे हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के बरेली के जनप्रतिनिधि खुलेआम मोदी और योगी की अपील की धज्जियां उड़ा रहे हैं. ताजा मामला शहर के प्रथम नागरिक मेयर डा. उमेश गौतम और भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य व वरिष्ठ भाजपा नेता गुलशन आनंद से जुड़ा हुआ है. मेयर जहां हिन्दू संगठनों को खुश करने के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आए तो वहीं गुलशन आनंद मुख्य अतिथि बनने के चक्कर में कोविड गाइडलाइन का पालन करना भूल गए.
अब नजर डालते हैं पहले मामले पर. वैसे तो मेयर साहब बहुत जागरूक हैं. कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन खुद तो कर ही रहे हैं, जनता से भी लगातार दो गज दूरी मास्क है जरूरी के नियम का पालन करने की अपील कर रहे हैं. इतना ही नहीं मेयर साहब ने अपनी यह अपील रिकॉर्ड भी कर ली है और शहर के प्रमुख बाजारों से लेकर गली मोहल्लों तक लाउडस्पीकर के माध्यम से उनकी अपील को सुना भी जा सकता है लेकिन बात जब अपने पर आई तो मेयर साहब की अपील और दावों की पोल खुल गई.
दरअसल, मेयर साहब राष्ट्रीय हिन्दू महासंघ एवं ब्रह्मांड शक्ति योग पीठ का उद्घाटन करने गए थे. मेयर साहब ने मास्क भी पहना हुआ था और हाथों को सेनेटाइज भी किया था लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के मोर्चे पर वह फेल हो गए. उद्घाटन के अवसर पर मेयर साहब के साथ फोटो खिंचवाने की ऐसी होड़ लगी कि सारी सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार हो गई. मौके पर मौजूद लोग उनका हाथ पकड़ कर फोटो खिंचवाते नजर आए. ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. इनमें साफ दिख रहा है कि कार्यक्रम में मेयर के साथ खड़े व्यक्ति ने मास्क नहीं लगाया है. कुछ और व्यक्ति भी बिना मास्क के खड़े दिखाई दे रहे हैं. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का तो बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया है. विपक्षियों का कहना है कि मेयर शहर का प्रथम नागरिक होता है. जब वह खुद ही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाने लगेगा तो जनता के बीच उसकी अपील का क्या असर पड़ेगा इसका अंदाजा खुद ब खुद लगाया जा सकता है. मेयर डा. उमेश गौतम को इस तरह का आचरण नहीं करना चाहिए था. अगर लोग जबरन उनके करीब आ भी गए थे तो मेयर को उन्हें भी जागरूक करना चाहिए था. बहरहाल, मेयर का यह रवैया गैरजिम्मेदाराना और लापरवाही भरा है. ऐसा करके मेयर ने न खुद अपनी जिंदगी को खतरे में डाला है बल्कि दूसरों की जिंदगी से भी खिलवाड़ करने का प्रयास किया है. उन्हें अपने पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना चाहिए था, ऐसा विपक्षियों का मानना है.
वहीं, दूसरी ओर वरिष्ठ भाजपा नेता गुलशन आनंद एक गैर सरकारी संगठन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे जहां सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया था. वैसे तो इस कार्यक्रम का उद्देश्य बेहद अच्छा था. इसमें एक गरीब कन्या के विवाह के लिए उसे जरूरी सामान उपलब्ध कराया गया लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
उक्त दोनों ही नेता शहर के प्रतिष्ठित और जिम्मेदार नेताओं में गिने जाते हैं. एक सिटिंग मेयर हैं तो दूसरे भाजपा के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन इनके गैर जिम्मेदाराना कार्य ने यह साबित कर दिया है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की अपील इनके लिए महज एक जुमला मात्र है. इस संबंध में जब मेयर डा. उमेश गौतम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सभी लोगों ने मास्क पहने हुए थे. एक-दो लोगों के मास्क कुछ समय के लिए नीचे हो गए होंगे. सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया था, फोटो में कम दूरी दिख रही है पर मौके पर पूरी सोशल डिस्टेंसिंग थी. वहीं जब गुलशन आनंद से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. अगर वे चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन करके हमें अपना पक्ष दे सकते हैं. हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे.