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ऑक्सीजन की कमी से अब नहीं जाएगी किसी की जान, गुरु के बंदों ने शुरू किया ऑक्सीजन का लंगर, पढ़ें कहां मिलेगी नि:शुल्क ऑक्सीजन?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली में ऑक्सीजन की कमी से अब किसी की जान नहीं जाएगी. जी हां, अब आपको बरेली शहर में ऑक्सीजन उपलब्ध होगी और इसके एवज में आपको कोई शुल्क भी नहीं देना होगा. गुरु तेग बहादुर सिंह के चार सौ साला प्रकाश पर्व के मौके पर बरेली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से नि:शुल्क ऑक्सीजन का लंगर शुरू किया गया है. इसका शुभारंभ आज सुबह ज्ञानी काले सिंह और सरदार सतनाम सिंह की मौजूदगी में गुरु गोबिंद सिंह इंटर कॉलेज, मॉडल टाउन में किया गया.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से कोरोना काल में जिस तरह से संक्रमितों की मदद के लिए बेड, अस्पताल और ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है उसकी सराहना देश ही नहीं पूरी दुनिया में हो रही है. दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के कारण जब लोगों की मौत होने लगी और सरकारें नाकाम हो गईं तो सिख समुदाय ही था जिसने ऑक्सीजन का लंगर शुरू कर हजारों लोगों की सांसें लौटाईं. इसी कड़ी में अब बरेली शहर में भी ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहे मरीजों की मदद के लिए सिख समुदाय आगे आया है. बरेली शहर में अब ऑक्सीजन का कोई संकट नहीं होगा. दिल्ली की तर्ज पर बरेली में भी आज से ऑक्सीजन का लंगर शुरू कर दिया गया है.
ऑक्सीजन लंगर के शुभारंभ के मौके पर ज्ञानी काले सिंह और समाजसेवी सरदार सतनाम सिंह ने बताया कि बरेली में पिछले दिनों ऑक्सीजन न मिलने के कारण कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी. कोरोना का प्रकोप दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है. लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. कोरोना काल में किसी भी व्यक्ति को ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान न गंवानी पड़े इसी उद्देश्य से ऑक्सीजन के लंगर की शुरुआत की गई है. बरेली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, श्री गुरु सिंह सभा गुरमत प्रचार सोसाइटी टर्बन एड की ओर से गुरु गोबिंद सिंह इंटर कॉलेज ग्राउंड, मॉडल टाउन बरेली में आज सुबह इसकी शुरुआत की गई. इसमें मुख्य रूप से गुरु गोबिंद सिंह इंटर कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी की ओर से सहयोग किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन के लंगर की शुरुआत आज सुबह की गई. अब रोजाना सुबह नौ से शाम पांच बजे तक यह लंगर चलेगा. कोई भी व्यक्ति यहां से सुबह नौ से शाम पांच बजे के बीच ऑक्सीजन ले सकता है.
बहरहाल, सिख समुदाय का यह प्रयास बरेली शहर के कथित समाजसेवी संगठनों के लिए एक मिसाल है. कोरोना संकट के इस मुश्किल दौर में जनप्रतिनिधियों और तथाकथित समाजसेवियों को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. सिख समुदाय की ओर से यह पहल उस वक्त की जा रही है जब कुछ मौका परस्त लोग सांसों की कालाबाजारी तक करने से बाज नहीं आ रहे और अस्पताल संचालक सांसों के एवज में हजारों रुपये का मुनाफा कमाने में जुटे हैं. ऐसे मुश्किल वक्त में सेवा और समर्पण की सिख समुदाय की इस पहल को सभी ने सराहा है.

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