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मरीजों को खुलेआम लूट रहा भाजपा नेता अनुपम कपूर का विनायक हॉस्पिटल, लाशों की बुनियाद पर बना रहे सपनों का महल, पढ़ें लूट की पूरी कहानी

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नीरज सिसौदिया, बरेली
कोरोना काल में भले भले ही लोगों का रोजगार छिन गया हो और उन्हें रोटी तक के लाले पड़ रहे हो लेकिन कुछ निजी अस्पताल आपदा को अवसर में बदलते हुए मरीजों को खुलेआम लूटने में लगे हुए हैं हाल ही में समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव महेश पांडे ने करुणा काल में कोविड-19 तालों में कन्वर्ट किए गए भाजपा नेताओं के अस्पतालों पर मरीजों को लूटने का आरोप लगाते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी थी इसके बावजूद भाजपा नेताओं के अस्पताल खुले आम मरीजों को लूटने में लगे हुए हैं ताजा मामला वरिष्ठ भाजपा नेता अनुपम कपूर के विनायक हॉस्पिटल का सामने आया है. भाजपा नेता के इस अस्पताल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के आदेश दोनों की ही धज्जियां उड़ाई हैं. वह भी तब जबकि खुद मुख्यमंत्री शहर में कोविड समीक्षा करके गए थे. उसी दिन भाजपा नेता अनुपम कपूर के विनायक अस्पताल ने एक कोरोना संक्रमित मरीज को 3 दिन का जनरल वार्ड का बिल ₹96540 का थमा दिया गया. सपा के महानगर महासचिव गौरव सक्सेना ने जब इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गर्ग से की तो उन्होंने लिखित में शिकायत देने को कहा. बाद में मरीज की मौत हो गई. ऐसे भाजपा नेता लाशों के ढेर पर दौलत के महल खड़े करने में जुटे हैं. ये पूरे समाज को शर्मसार कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, सेवानिवृत्त बैंक कर्मी मुकेश अग्रवाल को 2 मई को बुखार आया था. उसके बाद उन्होंने एंटीजन से जांच कराई लेकिन जांच में वह कोरोना संक्रमित नहीं पाए गए. इसके बावजूद उनका ऑक्सीजन स्तर लगातार गिर रहा था. इसे देखते हुए परिजनों ने 4 मई को उन्हें भाजपा नेता अनुपम कपूर के विनायक हॉस्पिटल में भर्ती कराया. यहां उन्हें जनरल वार्ड में भर्ती किया गया. 7 मई को यहां उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद डॉक्टर की ओर से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करने को कहा गया लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बेड खाली न होने का हवाला देते हुए उन्हें दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया.
साथ ही उन्हें ₹96500 का बिल भी थमा दिया. बता दें कि सरकार की ओर से आइसोलेशन बेड विदाउट ऑक्सीजन का चार्ज ₹8000 निर्धारित किया गया है जबकि अनुपम कपूर के विनायक अस्पताल ने यह चार्ज ₹15000 प्रतिदिन का लगाया है. वहीं ₹10000 का अतिरिक्त चार्ज क्रिटिकल केयर का लिया गया है जबकि अस्पताल के डॉक्टरों ने जब उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए कहा तो अस्पताल प्रबंधन ने आईसीयू में बेड खाली नहोने का हवाला देकर उन्हें अन्यत्र रेफर कर दिया. ऐसे में क्रिटिकल केयर का चार्ज लगाना भी समझ से परे है. वहीं, ऑक्सीजन और सपोर्टिंग केयर वाले बेड के चार्ज ₹10000 शासन की ओर से निर्धारित किए गए हैं जबकि विनायक अस्पताल की ओर से ऑक्सीजन का अलग से ₹45 सौ प्रतिदिन के अस्पताल की ओर से वसूले गए हैं वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसके गर्ग का कहना है कि ऑक्सीजन का अतिरिक्त चार्ज नहीं लगाया जा सकता. इसके बावजूद निजी अस्पताल मनमानी लूट खसोट पर उतारू हैं.


बता दें कि अनुपम कपूर की गिनती उन भाजपा नेताओं में हो रही है जो शहर विधानसभा सीट से भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदार हैं. जब वह किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं तब खुलेआम उनका अस्पताल मरीजों को लूट रहा है तो ऐसे भाजपा नेता अगर विधायक बन गए तो जनता का क्या हाल होगा इसका अंदाजा खुद ब खुद लगाया जा सकता है.

सपा नेता गौरव सक्सेना ने सीएमओ से की बात तो वापस कर दिए पैसे
सपा नेता गौरव सक्सेना ने जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गर्ग से मामले की शिकायत की तो उन्होंने अस्पताल के संचालक से बात की. इस पर अस्पताल के संचालक ने मरीज के परिजनों को पैसे वापस करने का भरोसा दिलाया. उसके बाद परिजनों को पैसे वापस भी कर दिए गए लेकिन सवाल यह उठता है कि हर मामले के लिए तो सीएमओ फोन करेंगे नहीं और हर मामला सीएमओ तक पहुंचता भी नहीं है. ऐसे न जाने कितने मरीजों को विनायक अस्पताल प्रबंधन अब तक लूट चुका होगा और वर्तमान में भी लूट रहा होगा. पहले भी यह अस्पताल विवादों में रहा है लेकिन सत्ताधारी नेता का अस्पताल होने के कारण इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इतनी बड़ी लूटपाट सामने आने के बाद भी अस्पताल को ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया जा रहा? समाजवादी पार्टी के महानगर महासचिव गौरव सक्सेना ने यह बात सीएमओ के समक्ष भी रखी है. उन्होंने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सरकार की ओर से निर्धारित रेट की सूची सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि जनता को अस्पतालों की लूट से बचाया जा सके. सपा नेता और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की बातचीत का ऑडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि निजी अस्पतालों ने कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर लूटपाट का खेल चलाया हुआ है लेकिन शिकायतकर्ता न होने की वजह से वह इस पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं. गौरव सक्सेना ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी उनसे लिखित में शिकायत करने की बात कहते हुए कार्रवाई की मांग की है. अब देखना यह है कि भाजपा नेता अनुपम कपूर के विनायक अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है अथवा योगी सरकार के दलाल इस अस्पताल को बचा ले जाते हैं.

इस संबंध में जब अनुपम कपूर से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. अगर वह चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन कर अपना पक्ष दे सकते हैं. हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे.

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