नीरज सिसौदिया, बरेली
किसी जमाने में बरेली के ‘अन्ना’ के नाम से मशहूर रहे सपा के पूर्व जिला महासचिव और जिला सहकारी संघ के पूर्व चेयरमैन महेश पांडेय एक बार फिर पुराने तेवर में नजर आ रहे हैं. हाल ही में उन्होंने भाजपा नेताओं के कोविड अस्पतालों द्वारा मरीजों से की जा रही लूट खसोट को लेकर आगाह करते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. इसके बावजूद अस्पतालों की कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ और अनुपम कपूर के विनायक अस्पताल की लूट खसोट का शर्मसार करने वाला मामला सामने आ गया. इस मामले को लेकर सपा के महानगर महासचिव गौरव सक्सेना ने पहले दिन तो खूब तेजी दिखाई थी. मीडिया में सुर्खियां भी बटोरीं लेकिन जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उनसे लिखित में शिकायत देने की बात कही तो फिलहाल उन्होंने दो दिन बाद भी कोई शिकायत नहीं की. हालांकि, उन्होंने सभी दस्तावेज सीएमओ को भेज दिए थे. विनायक अस्पताल के इस काले खेल के खिलाफ अब महेश पांडेय ने मोर्चा संभाल लिया है. उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसके गर्ग को न सिर्फ विनायक अस्पताल के खिलाफ लिखित में शिकायत दी बल्कि कार्रवाई नहीं होने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.
बता दें कि भाजपा नेता अनुपम कपूर के विनायक अस्पताल की ओर से जनरल वार्ड में भर्ती सन सिटी निवासी मुकेश अग्रवाल का तीन दिन का 96540 रुपये का बिल थमा दिया था. इतना ही नहीं जब मुकेश अग्रवाल को आईसीयू में शिफ्ट करने की नौबत आई तो दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. दूसरे अस्पताल ले जाते ही मुकेश की मौत हो गई.
महेश पांडेय ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा है कि विनायक अस्पताल की ओर से गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया गया है. पहले मरीज से मनमाना पैसा वसूला गया और बाद में दबाव पड़ने पर पैसे वापस कर दिए गए. स्वास्थ्य विभाग ने भी पैसे वापस करने के बाद कार्रवाई पर विराम लगा दिया गया है जो एकदम गलत है. उन्होंने कहा कि आपदा नियंत्रण अधिनियम, इंडियन मेडिकल एक्ट 1951 के साथ साथ भारतीय दंड विधान की सुसंगत धाराओं में अपराध कारित हुआ है. इसलिए तत्काल प्रभाव से विनायक अस्पताल का पंजीकरण निरस्त करते हुए अस्पताल संचालक के खिलाफ भारतीय दंड विधान की सुसंगत धाराओं और आपदा नियंत्रण अधिनियम एवं इंडियन मेडिकल एक्ट 1951 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि अगर विनायक अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह जनता के साथ सड़कों पर उतरकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे.
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसके गर्ग ने कहा कि विनायक अस्पताल के खिलाफ जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. जांच कमेटी गठित कर दी गई है. किसी भी अस्पताल को नियमों के साथ खिलवाड़ करने और मरीजों से मनमाने पैसे वसूलने का कोई अधिकार नहीं है.
वहीं, सपा के महानगर महासचिव गौरव सक्सेना से जब लिखित शिकायत न देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास कुछ और शिकायतें भी आई हैं जिनमें एक अस्पताल ने पांच दिन का बिल एक लाख 97 हजार रुपये का बना दिया है. कुछ और मामले भी हैं जिन्हें साथ लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिलेंगे और लिखित में शिकायत करेंगे. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जिन लोगों के साथ अस्पताल ने लूट खसोट कर मनमाना बिल वसूला है वे सभी आगे आएं ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो सके.
वहीं, पूर्व भाजपा पार्षद प्रह्लाद मेहरोत्रा ने कहा कि विनायक अस्पताल ने एकदम गलत काम किया है. कोरोना काल में जब जनता पहले से ही संकट के दौर से गुजर रही है, ऐसे में मनमाने पैसे वसूलना गलत है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अस्पताल के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे अन्य लूट खसोट करने वाले अस्पतालों को भी एक सबक मिले.
महेश पांडेय ने ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.