यूपी

दें पिता के जैसा संरक्षण…

Share now

बच्चों के अभिभावक जैसे,
हम संवेदन से युक्त बनें.
हम प्राणमयी वायु बनकर,
हम जड़ें बनें, हम वृक्ष बनें.

कोरोना युग में लोगों ने,
फिर भी मानवता को बोया.
लोगों ने अपनों को खोया,
कितनों ने सपनों को खोया.
जैविक- भौतिक से क्या होता,
हम पिता बनें, हम खास बनें.
बच्चों के अभिभावक जैसे…

गर पिता साथ रहते हैं तो,
जीवंत दिखे आंगन- जीवन.
जो पिता का साया संग रहे,
खिल जाता बच्चों का तन- मन.
दें पिता के जैसा संरक्षण,
कुछ धूप बनें, कुछ फूल बनें.
बच्चों के अभिभावक जैसे…

अहसास पिता का काफी है,
वो संरक्षक कहलाते हैं.
कोरोना क्या सब रोगों के,
वे पिता दवा बन जाते हैं.
हम भी कल पिता बनेंगे ही,
हम पिता आज ही आज बनें.
बच्चों के अभिभावक जैसे…
इंद्रदेव त्रिवेदी, बिहारीपुर खत्रियान, बरेली 

 

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *