नीरज सिसौदिया, बरेली
स्मार्ट सिटी के कार्यों में लापरवाही शहर का बेड़ा गर्क कर सकती है. सीसीटीवी कैमरे लगाने का ठेका लेने वाली हनीवेल कंपनी ने यह काम शुरू भी कर दिया है. लगभग डेढ़ माह पूर्व राजेंद्र नगर की जिस स्मार्ट रोड का खुद नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन उद्घाटन करके गए थे उस सड़क को हनीवेल कंपनी ने बर्बाद कर डाला. जब भाजपा पार्षद और बरेली विकास प्राधिकरण के सदस्य सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा ने इसकी शिकायत मेयर डा. उमेश गौतम से की तो उन्होंने नगर आयुक्त को तत्काल पत्र लिखकर उचित कार्यवाही के निर्देश दिए थे. लगभग दो दिन पहले कंपनी का एक और कारनामा सामने आ गया जिसमें अंडरग्राउंड रोड कटिंग के दौरान कंपनी के कर्मचारियों ने पेयजल आपूर्ति लाइन ही काट डाली. निश्चत तौर पर कंपनी ने यह सब जान बूझ कर नहीं किया होगा लेकिन यह हादसे दर्शाते हैं कि कंपनी से पास अनुभव की कमी है और बिना यथा स्थिति का अध्ययन किए अंडरग्राउंड रोड कटिंग का कार्य किया जा रहा है. अगर इसी तरह कार्य चलता रहा तो सीसीटीवी प्रोजेक्ट कंपनी के गले की फांस और जनता की मुसीबत का सबब बन जाएगा.
बता दें कि हनीवेल कंपनी को शहर के लगभग 150 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का ठेका लगभग 167 करोड़ रुपये में दिया गया है. कंपनी को इसके लिए पिलर बनाने का काम करना है. उस पिलर पर ही कैमरे लगाए जाने हैं. इसके लिए पिछले दिनों राजेंद्र नगर में काम शुरू किया गया लेकिन स्थानीय पार्षद को बिना बताए स्मार्ट रोड की सर्विस लेन पर ही खूंटे गाड़ दिए गए. दिलचस्प बात यह है कि सड़क की ट्रंचिंग का काम चोरी की बिजली से किया गया. इसके लिए बिजली विभाग से कोई टेंपरेरी कनेक्शन या परमिशन नहीं ली गई. जब साढ़े चार करोड़ रुपये की दुर्दशा की सूचना स्थानीय भाजपा पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा को मिली तो उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया. ऐसा होना भी लाजिमी था क्योंकि पूरे बरेली में यह एकमात्र स्मार्ट रोड मम्मा के वार्ड की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही थी. यह हॉटमिक्स सड़क है जिसमें पैचवर्क ज्यादा नहीं टिकता. वहीं, बरसात का मौसम भी चल रहा है. सड़क खोदे जाने से पानी सड़क की तलहटी में जाकर पूरी सड़क को ध्वस्त करेगा और साढ़े चार करोड़ पानी में बह जाएंगे. मम्मा की शिकायत के बाद कंपनी ने ओपन ट्रंचिंग बंद कर अंडरग्राउंड ट्रंचिंग शुरू कर दी लेकिन अंडरग्राउंड ट्रंचिंग शुरू करने से पहले यह जानकारी लेना जरूरी नहीं समझा कि सड़क में कहां पर पानी की पाइप लाइन जा रही है और कहां पर सीवर लाइन बिछाई गई है. सीधा काम शुरू कर दिया गया जिसका नतीजा यह रहा कि अंडरग्राउंड ट्रंचिंग का काम शुरू होते ही जलापूर्ति लाइन फट गई. इससे लोगों की मुसीबतें तो बढ़ी ही, कंपनी का काम भी रुक गया. अगर स्थानीय पार्षद को साथ लेकर काम शुरू किया गया होता तो यह नौबत नहीं आती क्योंकि पार्षद इन चीजों से भली भांति परिचित हैं कि उनके वार्ड में कहां पाइपलाइन बिछी है और कहां नहीं.

पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा का कहना है कि अपने वार्ड की स्थिति से पार्षद से बेहतर कौन जान सकता है. अत: स्मार्ट सिटी के काम स्मार्ट तरीके से करने के लिए पार्षदों का सहयोग अति आवश्यक है लेकिन कार्यदायी संस्था पार्षदों द्वारा सहयोग का हाथ बढ़ाने के बावजूद मनमानी पर उतारू है जिसका खामियाजा आम जनता को परेशानियों के रूप में झेलना पड़ रहा है. उन्होंने अपने साथी पार्षद आरेंद्र अरोड़ा कुक्की और शशि सक्सेना के साथ मिलकर महापौर डा. उमेश गौतम, मंडलायुक्त आर. रमेश कुमार और नगर आयुक्त अभिषेक आनंद के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया था. तीनों पार्षदों की मांग है कि किसी भी वार्ड में स्मार्ट सिटी के कार्य शुरू करने से पूर्व स्थानीय पार्षदों को सूचित किया जाना चाहिए ताकि कार्य सुनियोजित तरीके से और बेहतर हो सके. ऐसा होने पर नगर निगम को राजस्व की क्षति भी नहीं होगी और जनता को परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो जिस तरह से राजेंद्र नगर में पहले स्मार्ट सड़क बर्बाद की फिर पानी की पाइप लाइन तोड़ डाली उसी तरह हनीवेल कंपनी पूरे शहर का बेड़ा गर्क कर देगी. हम किसी भी सूरत में ऐसा नहीं होने देंगे. कंपनी की इस मनमानी का विरोध किया जाएगा.