नीरज सिसौदिया, बरेली
विधानसभा का चुनावी महासंग्राम को अभी लगभग सात माह से भी अधिक का वक्त शेष है मगर सियासी दलों ने अभी से अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. यूपी का चुनाव अब तक जाति और धर्म के नाम पर ही लड़ा और जीता जाता रहा है. यही वजह है कि इस बार भी सियासी दल इसी ट्रैक पर काम कर रहे हैं. हालांकि, पिछले पांच वर्षों में जातीय और धार्मिक समीकरणों में काफी बदलाव हुआ है. खास तौर पर बरेली की बात करें तो मुस्लिम वोटरों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. बरेली शहर विधानसभा सीट के मुस्लिम नेताओं की मानें तो इस बार इस सीट पर मुस्लिम वोटरों का आंकड़ा लगभग डेढ़ से पौने दो लाख के बीच पहुंच चुका है. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी से टिकट के मुस्लिम दावेदार काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. पिछले चुनावों में हुए महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई थी और प्रेम प्रकाश अग्रवाल गठबंधन के प्रत्याशी बनाए गए थे. प्रेम प्रकाश अग्रवाल को मोदी लहर ले डूबी लेकिन सियासी जानकारों का यह भी मानना था कि कायस्थ और मुस्लिम बाहुल्य सीट होने के बावजूद वैश्य प्रत्याशी उतारना भी कांग्रेस की हार की वजह बनी. इस बार कांग्रेस यह गलती नहीं करना चाहती. बुधवार की रात कलाकेंद्र इंटर कॉलेज, बरेली की प्रधानाचार्य और समाजसेवी नाहिद सुल्ताना के स्वागत समारोह में पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इसके संकेत दिए.
इंडिया टाइम 24 से बातचीत में लल्लू ने कहा कि कांग्रेस इस बार कांग्रेस किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी. पूरे प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ा जाएगा. सभी 403 सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारेगी और वर्ष 2022 में यूपी से भाजपा को जाना होगा. सरकार की नाकामियों के बारे में पूछने पर लल्लू ने कहा कि सात महीने से किसान धरने पर है, गन्ना किसानों का दस हजार करोड़ रुपये सरकार अब तक नहीं दे सकी है, जितने लघु उद्योग थे वह सभी चौपट हो चुके हैं, बुनकर परेशान हैं, गरीब परेशान है, कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है, जंगलराज में तब्दील हो चुका है. श्रीराम मंदिर निर्माण का चंदा तक चोरी कर लिया गया. 40 बड़े घोटालों के सरगना हैं योगी आदित्यनाथ. मंत्रिमंडल में विस्तार करना कहीं न कहीं ध्यान भटकाने की कोशिश है. ये जितना मंत्रिमंडल विस्तार कर लें, किसी को भी जगह दे दें, वर्ष 2022 में भाजपा का जाना तय है.
अन्य दलों के साथ गठबंधन के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष लल्लू ने कहा कि कांग्रेस बिल्कुल अकेले चुनाव लड़ेगी. गठबंधन करेंगे खेत से, खलिहान से, किसान से और नौजवान से. कांग्रेस को सिर्फ बड़े सियासी दलों से ही गठबंधन पर एतराज है या छोटे दलों के साथ भी गठबंधन नहीं होगा, पूछने पर लल्लू ने कहा कि कांग्रेस किसी भी दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी. साथ ही दावा भी किया कि वर्ष 2022 में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. इस दौरान नाहिद सुल्ताना मंच पर लल्लू के बगल वाली सीट पर नजर आईं.
लल्लू को कार से मंच तक ले जाने और कार्यक्रम की समाप्ति तक नाहीद को लल्लू काफी तरजीह देते नजर आए. साथ ही पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रवीण सिंह ऐरन भी नाहिद सुल्ताना को 124 शहर विधानसभा के मजबूत दावेदार के तौर पर प्रोजेक्ट करते दिखाई दिए. हुआ यूं कि जब नाहीद लल्लू को कार से मंच तक लेकर आईं तो प्रवीण सिंह ऐरन मंच पर लल्लू की बगल वाली सीट पर बैठ गए. जैसे ही उनकी नजर नाहीद पर पड़ी तो उन्होंने पूरे सम्मान के साथ नाहीद के लिए अपनी सीट छोड़ दी और नाहीद को लल्लू के बगल वाली सीट पर बिठाया. कार्यक्रम में मौजूद जनसमूह को देखकर लल्लू काफी गदगद नजर आए. पूरा एनआर पैलेस समर्थकों से खचाखच भरा था. समर्थकों में युवाओं और बुजुर्गों के साथ ही महिलाएं भी बड़ी संख्या में मौजूद थीं. कांग्रेस के बड़े नेताओं में तौकीर आलम, महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला और चौधरी अनवार भी मंच पर मौजूद रहे. कार्यक्रम में नाहीद को तरजीह देकर लल्लू ने यह संकेत जरूर दिया कि पढ़ी-लिखी मुस्लिम महिला भी अबकी बार शहर विधानसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती है. कार्यक्रम में पूर्व सभासद महताब, नाजिम, आफताब आदि भी मौजूद रहे.