26 सदस्य होने के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. इसकी क्या वजह रही? भाजपा ने विपक्षी नेताओं को मैनेज कर अपना अध्यक्ष बना लिया, ऐसे में विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी कैसे जीत हासिल कर पाएगी? अध्यक्ष पद पर सपा की हार के लिए पार्टी के रणनीतिकारों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, पार्टी के स्थानीय नेतृत्व पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, क्या वाकई इस हार के जिम्मेदार रणनीतिकार हैं? समाजवादी पार्टी भाजपा सरकार पर तानाशाही का आरोप लगा रही है और सरकार को हर मोर्चे पर पूरी तरह नाकाम भी मानती है लेकिन इनके खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन भी नहीं कर रही, ऐसा क्यों? क्या पार्टी में अब पुराने नेताओं का कोई सम्मान नहीं रहा? शहर विधानसभा सीट से डा. अनीस बेग के नाम की चर्चा प्रबल दावेदारों में हो रही है, क्या अनीस बेग चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं? ऐसे ही कई मुद्दों पर समाजवादी पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. अनीस बेग ने नीरज सिसौदिया के साथ खुलकर बात की. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल : जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, 26 सदस्य होने के बावजूद आप नहीं जीत पाए, कहां कमी रह गई?
जवाब : देखिए यह सरासर प्रशासन की दबंगई है. उन्हें मुख्यमंत्री से आदेश मिले थे कि बरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का ही बनाना है तो उन्होंने दबंगई से बना लिया. ये सत्ता के चुनाव होते हैं. जिसकी सत्ता होती है ज्यादातर अध्यक्ष भी उसी के होते हैं और इतिहास गवाह है कि जब-जब ऐसा हुआ है तब- तब सत्ताधारी पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. पिछली बार सपा की सरकार थी तो सपा के लगभग 63 अध्यक्ष जीते थे पर विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. उससे पहले बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी तो उसके भी 60 से अधिक अध्यक्ष जीते थे लेकिन विधानसभा चुनाव में उसे भी हार का सामना करना पड़ा. यही हाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी का होने वाला है. नेता हैं, नेता तो मैनेज हो जाते हैं लेकिन जनता मैनेज नहीं होती. सरकार नेता से नहीं जनता से बनती है और बरेली की जनता ने समाजवादी पार्टी को चुना है. हमारे 26 सदस्य जीते और भाजपा आधी रह गई. उसके सिर्फ 13 सदस्य जीते. जनता सब देख रही है. जनता ने सीधे-सीधे समाजवादी पार्टी को चुना है और भारतीय जनता पार्टी को नकार दिया है. विधानसभा चुनाव 100 फ़ीसदी समाजवादी पार्टी ही जीतेगी. आज सारी जनता अखिलेश जी के साथ है. अभी आंधी आने वाली है. बीजेपी में भगदड़ मचेगी और बीजेपी नेता पार्टी छोड़ छोड़कर जाने लगेंगे.
सवाल : आपके 26 सदस्य जीते थे. फिर भी आप अपने सदस्यों को मैनेज नहीं कर पाए. आपके सदस्य थे और आपने ही टिकट दिया था जिस पर वे चुनाव जीते थे फिर उनका वोट भाजपा को कैसे चला गया?
जवाब : देखिए यह जिसकी भी किया है बहुत गलत किया है. बेग परिवार हमेशा पार्टी का वफादार रहा है और हम हमेशा पार्टी के साथ रहे हैं. जिसने भी यह किया है वह पार्टी के साथ धोखा है, गद्दारी है. इसे स्थानीय स्तर पर हमारे जिला अध्यक्ष अगम मौर्या और महानगर अध्यक्ष देख रहे हैं इसका स्वत: संज्ञान हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी लिया है और इसमें वह जरूर कोई न कोई एक्शन लेंगे.
सवाल : एक समय था जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी और डिप्टी मेयर के चुनाव हुए थे. उस वक्त डॉक्टर खालिद समाजवादी पार्टी से डिप्टी मेयर के उम्मीदवार थे. पार्टी के उस वक्त 8 वोट थे लेकिन जब चुनाव हुआ तो डॉक्टर खालिद को 60 में से 40 वोट मिले थे. क्या आपको नहीं लगता कि उस वक्त के रणनीतिकार आज के रणनीतिकारों से ज्यादा बेहतर थे जिस कारण उस वक्त प्रदेश भर में एकमात्र डॉक्टर खालिद ही समाजवादी पार्टी से डिप्टी मेयर बन सके थे?
जवाब : देखिए उस वक्त भी चुनाव को मैनेज किया गया होगा किसी न किसी तरीके से लेकिन आज के नेतृत्व में कहीं कोई कमी नहीं है. हमारा नेतृत्व बहुत ही मजबूत है लेकिन जब नेता ही विभीषण हो जाए तो नेतृत्व क्या करेगा. मुझे लगता है कि बरेली का नेतृत्व बहुत मजबूत है, हमारे अध्यक्ष जी भी बहुत स्ट्रांग हैं. इसका सबसे बड़ा सबूत है कि हमारे 26 सदस्य जीत कर आए और उन्हें जिताने में हमारे नेतृत्व का बहुत बड़ा हाथ रहा. अगम मौर्या जी ने हर विधानसभा क्षेत्र में काम किया. उसी का नतीजा है कि हमारे 26 सदस्य जीत सके.
सवाल : पार्टी के कुछ पुराने वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उनकी सलाह नहीं ली गई, अगर उनसे सलाह मशविरा करके रणनीति बनाई गई होती तो यह चुनाव समाजवादी पार्टी जीत सकती थी. आपको क्या लगता है? क्यों पुराने नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है?
जवाब : देखिए पुराने नेताओं को पार्टी में पूरा सम्मान दिया जा रहा है. किसी को भी दरकिनार नहीं किया जा रहा. पार्टी की हम सभी को हमेशा जरूरत रहती है लेकिन मेरा मानना है कि जब पार्टी को मेरी जरूरत है तो कभी-कभी खुद भी चलना पड़ता है, खुद भी जाना पड़ता है. अगर मैं पार्टी और अखिलेश जी का वफादार हूं तो मुझे खुद जाना चाहिए था पार्टी हित के लिए. मैं अपनी ओपीडी छोड़कर खुद कलेक्ट्रेट गया जबकि मुझे किसी ने नहीं बुलाया था. अगर आप पार्टी में एक्टिव रहेंगे तो पार्टी आपको खुद अपनाएगी और हमेशा पार्टी ने अपनाया भी है. साथ ही हमेशा सम्मान भी दिया है.
सवाल : समाजवादी पार्टी सरकार को हर मोर्चे पर विफल मानती है. पार्टी नेता अक्सर कहते हैं कि भाजपा सरकार हर तरह से नाकाम साबित हुई है. आपने भाजपा सरकार पर जोर जबरदस्ती और छल से चुनाव जीतने का आरोप भी लगाया. अगर आप सरकार को इतना ही नाकाम मानते हैं तो सरकार की नाकामियों के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन क्यों नहीं करते?
जवाब : अभी तक कोरोना काल की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जिस वजह से सड़कों पर उतर कर आंदोलन को हवा देना जनहित में नहीं था लेकिन अब वक्त आ गया है कि सरकार की नाकामियों और मनमानियों के खिलाफ आंदोलन कर मुंहतोड़ जवाब दिया जाए. जल्द ही समाजवादी पार्टी सड़कों पर उतरेगी और जनता की आवाज बुलंद करेगी. आज जनता बहुत परेशान है. मैं खुद डॉक्टर हूं और मैंने खुद देखा है कि कोरोना काल में किस तरह से त्राहि-त्राहि मची हुई है. चाहे कितनी भी पीठ थपथपाएं ये लोग कि कोरोना काल में बहुत अच्छा मैनेज किया है लेकिन ये हर मोर्चे पर ज़ीरो साबित हुए हैं. इन्होंने मौत का आंकड़ा छुपाया, मरीजों का आंकड़ा छुपाया, हकीकत में नंबर कुछ दूसरे हैं और दिखाए कुछ और गए हैं परिवार के परिवार तबाह हो गए हर आदमी नाराज है इनके मैनेजमेंट से. सबसे बड़ा सबूत यह है कि इन्होंने खुद ही अपने मंत्रियों को हटा दिया, स्वास्थ्य मंत्री को हटा दिया. नाकाम रही है यह सरकार. महंगाई रोकने में नाकाम, स्वास्थ्य में नाकाम, शिक्षा में नाकाम, हर स्तर पर नाकाम. सिर्फ झूठ बोलने और बातें बनाने में जरूर भाजपा सरकार नंबर वन है.
सवाल : चर्चा है कि इस बार आप शहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, क्या आपने टिकट के लिए आवेदन किया है?
जवाब : जी नहीं, मेरा शहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. अगर पार्टी मुझ पर भरोसा जताती है तो मैं कैंट विधानसभा सीट से चुनाव जरूर लड़ना चाहूंगा. बाकी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी का जो आदेश होगा हम उस पर अमल करेंगे. पार्टी ने हमारे परिवार पर हमेशा भरोसा जताया है. हम पार्टी के सच्चे सिपाही हैं. पार्टी एक सीट पर कहेगी तो एक पर लड़ेंगे और दो सीटों पर चाहेगी तो हमारा परिवार दो सीटों पर चुनाव लड़ेगा.