नीरज सिसौदिया, बरेली
ब्लॉक प्रमुख चुनाव में जहां प्रदेश भर में समाजवादी पार्टी की ओर से धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं वहीं, बरेली में एक सीट ऐसी भी है जहां से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने निर्विरोध चुनाव जीत लिया है. जी हां, इस ब्लॉक से सपा प्रत्याशी के विरोध में किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था. फिलहाल पूर्व विधायक महिपाल सिंह यादव के भाई जगमोहन सिंह यादव की इस जीत की पूरे जिले में चर्चा हो रही है.
दरअसल, पिछले दिनों हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. समाजवादी पार्टी के 26 जिला पंचायत सदस्य जीते थे लेकिन जब अध्यक्ष पद के लिए मतदान हुआ तो सपा प्रत्याशी के खाते में सिर्फ 19 वोट पड़े. तब से चर्चा यह हो रही थी कि महिपाल सिंह यादव के परिवार के कुछ सदस्यों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया. हालांकि ऐसी चर्चा करने वाले इसका कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके. इसके बाद जब भारतीय जनता पार्टी ने भुता ब्लॉक से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा तो चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया. कहा जाने लगा कि महिपाल सिंह यादव ने अपने भाई को ब्लॉक प्रमुख बनाने के चक्कर में भाजपा के साथ साठगांठ कर ली है.
आज महिपाल सिंह यादव के भाई जगमोहन सिंह यादव निर्विरोध भुता ब्लाक से ब्लॉक प्रमुख चुन लिए गए तो यह चर्चा और तेज हो गई कि महिपाल यादव के परिवार ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को जिताने में मदद की जिसके पुरस्कार स्वरूप उन्हें भाई के लिए ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी मिली है.
हालांकि, महिपाल सिंह यादव पिछले काफी समय से बीमार चल रहे हैं. पहले वह कोरोना पॉजिटिव हो गए थे लेकिन बाद में कोरोना से जंग जीत गए. इसके बावजूद उनकी तबीयत में ज्यादा सुधार नहीं हो पाया जिसके चलते वह कहीं आना जाना भी नहीं कर पा रहे हैं. फोन पर भी कम ही बात कर रहे हैं. चर्चा यह भी है कि महिपाल यादव के परिजन भाजपा में शामिल हो सकते हैं इसलिए भाजपा ने भुता ब्लॉक से कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा और जगमोहन सिंह ने ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया.