विचार

जीती रहो ,जीतती रहो, भारत की बेटी हो तुम…

Share now

जीती रहो जीतती रहो
देश की बेटी हो तुम।
हर कांटा बीनती रहो
देश की बेटी हो तुम।।
तुम से ही आस तुम से
ही भविष्य देश का।
काम नया सीखती रहो
देश की बेटी हो तुम।।

तुम से सुशोभित है हर
क्षेत्र देश का आज।
तुम से निर्मित हो रहा
हर कोई देश का काज।।
बेटियों ने सीना चौड़ा
कर दिया आज देश का।
बेटी जन्म पर दुःखित
आ जायें अब तो बाज।।

बेटी के सर पर चुनरी भी
परचम भी है आज।
बेटियों से ही महक रहा
हर गुलशन चमन है आज।।
बेटों साथ कदम से कदम
मिला कर चल रही हैं।
बेटियों से शिक्षा संस्कार
बचा हर चैनअमन है आज।।

रचयिता – एस के कपूर “श्री हंस”, बरेली

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *