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जन आक्रोश रैली में तसब्बर खां ने दिखाया दम, विरोधी बेदम, शहजिल इस्लाम गायब, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
सुबह के लगभग आठ बजे थे. सूचना आई कि महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी और महान दल गठबंधन की ओर निकाली जाने वाली जन आक्रोश रैली लगभग साढ़े दस बजे बिल्वा पुल पर पहुंचेगी. पार्टी का आदेश मिलते ही 120 भोजीपुरा  विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रबल दावेदार हाजी तसब्बर खां ने समर्थकों से एकजुट होकर रैली को सफल बनाने की अपील की. किसी को फोन किया तो किसी को वॉट्सएप के जरिये रैली की सूचना भेजी गई. देखते ही देखते सुबह लगभग साढ़े नौ बजे तक हाईवे पर स्थित हाजी तसब्बर खां के टीके गार्डन पर सैकड़ों समाजवादियों का हुजूम उमड़ पड़ा. फिर अचानक से खबर आई कि पीलीभीत से बरेली के लिए जन आक्रोश रैली प्रस्थान कर चुकी है लेकिन रैली का जगह-जगह पर भव्य स्वागत करने की तैयारी है जिसके चलते यह रैली अब दोपहर एक बजे तक बिल्वा पुल पर पहुंचेगी.

हाजी के समर्थकों की भीड़ उमड़ चुकी थी और उनका उत्साह देखते ही बन रहा था. हाजी के समर्थकों में जोश इस कदर था कि उन्होंने वापसी की जगह इंतजार करने का फैसला किया. इस पर आसपास के गांवों में रैली निकालने का निर्णय लिया गया. कार्यकर्ताओं के जोश के आगे हाजी तसब्बर खां की एक नहीं चली और कार्यकर्ताओं के कहने पर वह आसपास के यादव और मुस्लिम बाहुल्य गांवों में रैली का नेतृत्व करते हुए चल पड़े.

जैसे-जैसे काफिला आगे चलता गया वैसे-वैसे समर्थकों का हुजूम भी बढ़ता जा रहा था. देखते ही देखते कब एक बज गया पता ही नहीं चला और हाजी तसब्बर खां का काफिला बिल्वा पुल के नीचे पहुंच चुका था. वहां पहले से ही महान दल के भी पदाधिकारी और समर्थक मौजूद थे. पहले वहां महज दो सिपाही तैनात थे लेकिन जैसे ही हाजी तसब्बर खां के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों का हुजूम मौके पर पहुंचा वैसे ही तीन दारोगा और बड़ी संख्या में हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के साथ ही महिला पुलिस कर्मियों को भी मौके पर बुला लिया गया. वक्त गुजरता जा रहा था और केशव देव मौर्या के नेतृत्व में निकाली गई जन आक्रोश रैली जगह-जगह पर हो रहे भव्य स्वागत के चलते लेट होती जा रही थी. चिलचिलाती धूप में भी हाजी समर्थकों का जोश सातवें आसमान पर था. एक पल भी ऐसा नहीं आया जब उस रोड से गुजरने वाले राहगीरों के कानों में अखिलेश यादव जिंदाबाद, समाजवादी पार्टी जिंदाबाद, केशव देव मौर्य जिंदाबाद और महान दल जिंदाबाद के नारे न गूंजे हों. दिलचस्प बात यह रही कि सैकड़ों की भीड़ और दर्जनों वाहन होने के बावजूद एक पल के लिए भी अनुशासन नहीं टूटा. पार्टी के प्रति समर्पित हाजी तसब्बर खां के समर्थक पूरे अनुशासन में रहकर अपना आक्रोश दर्शाते नजर आए.

दिलचस्प बात यह रही कि भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी मेवाती समाज की है और हाजी तसब्बर खां भी उसी समाज से हैं लेकिन रैली में यादव, दलित और कुर्मी समाज के लोगों ने भी बड़ी तादाद में उपस्थिति दर्ज कराई. हाजी के समर्थन में उतरा हुजूम सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की उस बात का जीता जागता उदाहरण प्रस्तुत कर रहा था जिसमें उन्होंने कहा था कि असली हिन्दुस्तान तो समाजवादी पार्टी में है जहां हिन्दू, मुस्लिम, कुर्मी, दलित, यादव आदि हर बिरादरी के लोग एक ही मंच पर नजर आते हैं. हाजी तसब्बर खां के नेतृत्व में भी उस हिन्दुस्तान की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी. हाजी के काफिले में साइकिल सवार भी थे तो बाइक सवार भी थे. कार सवार भी थे तो ट्रैक्टर सवार भी थे. हर वर्ग धर्म और जाति के लोगों की मौजूदगी ने यह साबित कर दिया कि हाजी तसब्बर खां सिर्फ मुसलमानों के ही नेता नहीं हैं बल्कि हर धर्म और जाति के लोग उनके साथ हैं.


हाजी के समर्थकों की सड़क किनारे लंबी कतार लग चुकी थी और दोपहर के तीन बज चुके थे. चिलचिलाती धूप में सुबह से भूखे-प्यासे जनआक्रोश रैली का इंतजार कर हाजी समर्थक एक पल के लिए भी कमजोर नजर नहीं आए. उनके चेहरे पर देरी की शिकन के बजाय रैली के स्वागत का उत्साह साफ दिखाई दे रहा था. दोपहर बाद लगभग चार बजे केशवदेव मौर्या का काफिला जन आक्रोश रैली की शक्ल में बिल्वा पुल के नीचे पहुंचा तो हाजी तसब्बर खां ने उनका जोरदार स्वागत किया. अपने स्वागत में समाजवादियों का इतना विशाल हुजूम देखकर केशवदेव मौर्य के साथ ही जिला अध्यक्ष अगम मौर्य भी गदगद नजर आए. नैनीताल रोड पर वाहनों की लंबी कतारों और सपा व महान दल के कार्यकर्ताओं का हुजूम जमा होने के कारण लंबा जाम भी लग गया लेकिन कुशल नेतृत्व के चलते जल्द ही रास्ता साफ हो गया और यातायात पूर्ववत सुचारू हो गया.


भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र में जन आक्रोश रैली का स्वागत अन्य दावेदारों ने भी किया लेकिन हाजी तसब्बर खां के समर्थन में जुटे आम आदमी ने उन्हें भीड़ से अलहदा पहचान दे दी. वहीं, एक दावेदार तो ऐसा था जो एसी गाड़ियों का काफिला लेकर ही घूमता नजर आया. उसके समर्थक सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए ही एसी गाड़ियों से नीचे उतरे थे. ऐसे में हाजी तसब्बर खां की तैयारी के आगे सब बेदम नजर आए. हाजी ने यह साबित कर दिया कि वह वाकई मंझे हुए सियासतदान हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं से जुड़े हुए भी हैं.


इस रैली में जनता के बीच सबसे अधिक चर्चा का विषय पूर्व मंत्री और भोजीपुरा के पूर्व विधायक शहजिल इस्लाम की गैरमौजूदगी रही. हर कोई शहजिल इस्लाम की क्षेत्र में इतनी बड़ी रैली में शहजिल इस्लाम जैसे नेता ने अपने विधानसभा क्षेत्र में कहीं भी जनआक्रोश रैली का भव्य स्वागत क्यों नहीं किया? इसकी चर्चा होती रही. इस संबंध में जब शहजिल इस्लाम से फोन पर बात कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका.
बहरहाल, भोजीपुरा विधानसभा सीट पर अब तक हुए कार्यक्रमों में तो तसब्बर खां बाजी मार ले गए. चाहे वह समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना यासीन उस्मानी का दौरा हो या फिर सपा के गठबंधन के सहयोगी दल महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य के नेतृत्व में निकाली गई जन आक्रोश रैली हो. दोनों ही कार्यक्रम भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र में काफी सफल रहे. अब देखना यह है कि क्या हाजी तसब्बर खां आगे भी नंबर-1 बने रहने का यह सिलसिला जारी रख पाते हैं अथवा नहीं. अब तक के इम्तिहान में विरोधियों को बेदम करने वाले हाजी के अगले कदम टिकट के लिए उनकी राह तय करेंगे.

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