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बदलने लगी शहर की ‌तस्वीर, बदहाल इलाकों की सूरत संवारने में ‌जुटे मेयर, अब सुभाष नगर का दर्द मिटाने को बढ़े कदम

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बदहाल बरेली अब खुशहाली की ओर कदम बढ़ाने लगी है। विकास का पहिया धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा है। मेयर डा. उमेश गौतम ने बदहाल व्यवस्था के साथ लगभग तीन साल पहले बदलाव का जो सफर शुरू किया था वह मंजिल तक पहुंचने लगा है। कई ऐतिहासिक फैसलों के साथ शहर की ‌तस्वीर बदलने वाले मेयर डा. उमेश गौतम ने अब सुभाष नगर का दर्द मिटाने की कवायद तेज कर दी है।
वैसे तो मेयर की कुर्सी पर बैठी शख्सियतें हमेशा से ही कांटों भरे रास्तों से गुजरने पर मजबूर होती रही हैं लेकिन मेयर उमेश गौतम ने इन राहों के कई कांटे निकाल कर फेंक दिए हैं। जो बाकी रह गए हैं उन्हें भी निकालने की कवायद तेज कर दी गई है।


सबसे पहले बात करते हैं पुराना शहर की। यह वो इलाका है जहां की बदहाली पर आजादी के बाद से लेकर अब तक विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव लड़े जाते रहे हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद सभी मुद्दे अतीत के पन्नों में ही सिमट कर रह गए हैं। न तो विधायकों ने इस पर ध्यान दिया, न सांसदों ने इसकी बदहाली दूर की और न ही पूर्ववर्ती स्थानीय निकाय के जन प्रतिनिधि ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठा सके। मेयर डा. उमेश गौतम जब मेयर बने थे तो उनके सामने भी चुनौतियों के पहाड़ खड़े थे। उन चुनौतियों से निपटने के लिए मेयर के पास नगर निगम की बदहाल व्यवस्था के सिवाय कुछ नहीं था।

उमेश गौतम ने हार नहीं मानी और तमाम आलोचनाओं व बाधाओं के बीच सबसे पहले बरेली को स्मार्ट सिटी में शामिल कराने का मन बनाया। सबसे पहले ऐतिहासिक स्वच्छता रैली निकाली जिसमें लगभग तीस हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए। नतीजतन वर्ष 2018 में बरेली को स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए चुन लिया गया। विकास का सफर शुरू हो चुका था और मेयर अपने स्तर से पुराने शहर की बदहाली मिटाने में जुट गए। सबसे बड़ी समस्या पुराने शहर में जल भराव की थी तो मेयर ने संपवेल बनवाया। इससे आधी समस्या का समाधान हो गया। पुराने शहर की बदहाल सड़कों को लेकर भी मेयर गंभीर नजर आए। उनके कार्यकाल को दौरान सपा पार्षद अंजुम फिरदौस और कांग्रेस पार्षद हाजी इस्लाम बब्बू सहित कई विरोधी दलों के पार्षदों के वार्डों में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सड़कों और नालियों का काम कराया। मेयर ने अक्षर विहार तालाब की बदहाली दूर करने का प्रयास किया। बदायूं रोड का नाला बनवाया। अब सुभाष नगर का दर्द समझते हुए वहां की समस्याओं के स्थायी समाधान के प्रयास शुरू कर दिए हैं। मेयर अब सुभाष नगर नाले के ऊपर सड़क बनवाने जा रहे हैं। साथ ही सुभाष नगर पुलिया का भी स्थायी समाधान लेकर आ रहे हैं। अपने लगभग तीन साल से भी अधिक के कार्यकाल के दौरान मेयर लगभग एक हजार करोड़ रुपये से भी अधिक के विकास कार्य करा चुके हैं। सबसे बड़ी राहत एकमुश्त समाधान योजना के रूप में लेकर आए। बहरहाल, विकास के सफर में आधे से अधिक फासला मेयर उमेश गौतम पूरा कर चुके हैं। आगे का सफर जारी है। दिसंबर माह तक शहर की एक नई तस्वीर जनता के सामने आने वाली है।

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