आज पुनः आभास हो रहा बापू ने अवतार लिया है।
लाल बहादुर की स्मृति ने रोम-रोम भर आह्लाद दिया है।
ह्रदय पट पर फिर बापू की,
वैसी ही तस्वीर बनी है।
तन पर धोती कर में लाठी,
मुख पर तेज लकीर बनी है ।
जन-जन के उर में बापू ने सौम्यपूर्ण अधिकार किया है।
आओ फिर से खुशी मनायें,
बापू के सद्गुण हम गायें।
रघुपति राघव की प्यारी धुन,
आज एक स्वर में दोहरयें।
करुण क्षणों में मानव ने इस धुन का आधार लिया है।
बापू हर क्षणतेरा जीवन,
हमको सद्गुण है सिखलाता।
अंधकार में साथ हमारे,
दीप तुम्हारा पथ दिखलाता।
तुमने सबको, सबने तुमको इसीलिए तो प्यार किया है।
लाल बहादुर का संदेशा ,
जीवन पथ पर ज्योति जलाता।
जय जवान वा जय किसान का ,
नारा हममें जोश जगाता।
युग-युग तक भी अमर रहेंगे देश हित जीवन वार दिया है।
वह छोटा सा रूप तुम्हारा ,
पर्वत, नभ से भी ऊँचा था।
जिससे दुश्मन थर्राते थे,
ऐसा ही रूप अनूठा था।
लघु जीवन में भी तुमने हम पर अनंत उपकार किया है।
शान्ति-दूत बन हुये अवतरित,
देश भक्ति पर मिटे हमेशा।
आज दिया दोनो ने फिर से,
सत्य, एकता का संदेशा।
सच्चाई के पथ पर चलकर हमने जय-जयकार किया है।
लाल बहादुर,बापू जी यह,
आज तुम्हारा जन्म दिवस है।
मना रहे सब आकुल होकर,
किन्तु नही मिलने से विवश हैं।
जय जवान वा जय किसान ने देश को जीवन दान दिया है।
आज पुनः आभास हो रहा बापू ने अवतार लिया है।
लाल बहादुर की स्मृति ने रोम -रोम भर आह्लाद दिया है।
लेखिका-प्रमोद पारवाला
बरेली उत्तर प्रदेश