बोकारो थर्मल। कुमार अभिनंदन
बेरमो अनुमंडल के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट के विभिन्न जंगलों से अवैध उत्खनन कर दिन के उजाले में बैखौफ बाइक से कोयले की तस्करी की जा रहीं है। पेंक-नारायणपुर पुलिस देखकर भी अंजान बनी हुई है। कार्रवाई के नाम पर पुलिस केवल खानापूर्ति करती है। इधर, कई महीनों से ऊपरघाट में बाइक से हो रहीं कोयला तस्करी को लेकर पेंक-नारायणपुर पर सवाल उठ रहीं है। शनिवार को ऊपरघाट स्थित बारीडीह से नावाडीह पुलिस के द्वारा 20 टन अवैध कोयला सहित पकडे जाने के बाद पेंक-नारायणपुर पुलिस बेकफुट पर है। सूत्रों का कहना है कि हर बाइक से पुलिस के नाम पर हर महीना साढे तीन हजार की वसूली की जाती है। इसके लिए हर मुख्य सड़क पर पुलिस का कथित वसूलीमैन रखा गया है। हर दस तारीख को धंधेबाजों को वसूलीमैन के यहां नजराना देकर गुजरना पड़ता है। गलती से कोई धंधेबाज नजराना देना भूल गया, तो उसकी बाइक पकड़कर पुलिस को सूचना दे दी जाती है। पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र के तेतरियाबेड़ा, सिझुवा खलार, पिलपिलो पहाड़ी, ताराबेड़ा, चेरकपनिया आदि जंगलों में दर्जनों कोयले के अवैध सुरंग बनाए गए है। इन सुरंगों से ही प्रतिदिन 600 बाइकों से कोयला की तस्करी की जाती है।
बाइक से बगोदर-खेतको पहुंचाया जाता है : सूत्रों का कहना है कि ऊपरघाट से बाइक में कोयला लादकर गिरीडीह के बगोदर, डुमरी और खेतको पहुंचाया जाता है। फिर वहां से ट्रक या अन्य छोटे वाहन से बाहर भेजा जाता है। कोयलांचल के डीआईजी कन्हैया लाल मैयूर पटेल को इस पूरे तस्करी की सूचना दी गयी है। खुफिया विभाग ने पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र से हो रहीं कोयले की तस्करी को लेकर एक पत्र मुख्यालय को भेजी है। दूसरी, और डेगागढ़ा और बंशी से पिछलें एक माह से लगातार ट्रकों से कोयला तस्करी की जा रहीं थी। बावजूद पेंक-नारायणपुर पुलिस कान में तेल डालकर कुंभकर्णी नींद में सोई हुई थी। शनिवार की डीआईजी के आदेश पर नावाडीह पुलिस के द्वारा हुई कार्रवाई से पेंक-नारायणपुर पुलिस की पोल खुल गयी है। इस पर पेंक-नारायणपुर पुलिस का तर्क है कि क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित है, इस कारण धंधेबाज अपने मंसूबे पर सफल हो जाते है। नावाडीह थाना में दर्ज मामलें में आठ कोयले तस्करों से पेंक-नारायणपुर थाना प्रभारी सुधांशु श्रीवास्तव का मधुर संबंध भी होने की बात कहीं जा रहीं है। एक छोड़कर सभी पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र के हीं है। इधर, पेंक-नारायणपुर थाना प्रभारी सुधांशु श्रीवास्तव इस मामले में कहते है कि मेरे इलाके से कोयले की तस्करी नहीं हो रही है। कुछ लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगे हैं।
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