विचार

प्रकृति, मानवता की प्राणवायु

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हर इक़ घर हरा भरा घर हो।
प्रकृति की रखवाली से खरा घर हो।।
प्रकृति जीवनदायिनी ये सत्य जान लें।
प्रकृति की खुशहाली से जड़ा घर हो।।

वृक्ष जैसेअमृतपुत्र लक्ष्य इनका महान है।
वृक्षों से मिलती प्राणवायु जैसे वरदान है।।
जब मिले अवसर पौधरोपण जरूर करें।
मानवता को मिलता इससे जीवनदान है।।

प्रकृति सुरक्षित तो हम भी सुरक्षित हैं।
तभी हम प्रकृति रक्षाकवच से रक्षित हैं।।
यदि किया हमने प्रकृति का दोहन शोषण।
तो कर रहे अगली पीढ़ी सुख से वंचित हैं।।

रचयिता- एस के कपूर “श्री हंस”, बरेली

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