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विधानसभा चुनाव : सपा में दशकों से उपेक्षित हैं पठान, अपमान का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ गए थे शराफत यार खान, कैसे दूर होगी पठानों की नाराजगी?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
प्रदेश में समाजवादी पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी रह गई है जिससे मुसलमानों को उचित सम्‍मान मिलने की उम्‍मीद है। इस पार्टी ने बरेली जिले की विभिन्‍न सीटों पर मुस्लिम समाज को पर्याप्‍त सम्‍मान दिया है लेकिन कई बिरादरी आज भी समाजवादी पार्टी में विधानसभा चुनाव में दरकिनार कर दी जाती हैं। इनमें कुछ बिरादरियां ऐसी हैं जिनका वजूद इतना नहीं है कि उन्‍हें प्राथमिकता दी जाए लेकिन पठान बिरादरी ऐसी है जो बरेली लोकसभा सीट पर अंसारी समाज के बाद मुस्लिमों में सबसे बड़ी तादाद में है। इसके बावजूद पिछले कई दशकों से समाजवादी पार्टी ने इस समाज के किसी भी नेता को मैदान में नहीं उतारा है। लगभग तीन दशक पहले पूर्व विधायक शराफत यार खां आखिरी पठान चेहरे के रूप में विधानसभा पहुंचे थे। उसके बाद से समाजवादी पार्टी ने बरेली में कभी किसी भी पठान को विधानसभा का टिकट देना तक मुनासिब नहीं समझा। इतना ही नहीं पूर्व विधायक शराफत यार खां तो समाजवादी पार्टी पर उपेक्षा और अपमान का आरोप लगाते हुए ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में चले गए थे। इसके बाद तो पठानों में नाराजगी और बढ़ गई। ऐसे में इस समाज के लोगों में नाराजगी है और वह अपनी बिरादरी के प्रतिनिधि को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह है कि क्‍या इस बार समाजवादी पार्टी पठानों की नाराजगी दूर कर पाएगी अथवा नहीं?

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दरअसल, बरेली जिले में मुस्लिम समाज की विभिन्‍न बिरादरियों को सपा ने विधानसभा चुनाव में मौका दिया है। चाहे अंसारी हो, बंजारा हो या फिर मिर्जा हो लेकिन उच्‍च जाति से ताल्‍लुक रखने वाले पठानों को को कई दशकों से उपेक्षित ही रखा। पिछले चुनावों तक तो ठीक था लेकिन जब से पूर्व मंत्री आजम खां सलाखों के पीछे गए हैं और अखिलेश यादव सही समय पर उनके साथ उस मुस्‍तैदी से खड़े नहीं हो सके जिस मुस्‍तैदी से पठानों को उम्‍मीद थी, तब से पठानों की नाराजगी और ज्‍यादा बढ़ गई। पठानों को यह लगने लगा है कि जो सम्‍मान उन्‍हें मुलायम सिंह यादव के समय मिलता था वह सम्‍मान अखिलेश उन्‍हें नहीं दे रहे। पूर्व विधायक शराफत यार खां जिस तरह से सपा में सम्‍मान की जगह अपमान मिलने की बात कहकर पार्टी छोड़कर चले गए उससे यह नाराजगी और बढ़ गई। अब पठानों को उम्‍मीद है कि शायद अखिलेश यादव इस बार किसी पठान पर भरोसा जताएं क्‍योंकि अब उनकी आवाज बुलंद करने वाले आजम खां भी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।
फिलहाल, बरेली कैंट और शहर विधानसभा सीट से कुछ पठान नेता टिकट की कतार में खड़े नजर आ रहे हैं। इनमें कैंट विधानसभा सीट से इंजीनियर अनीस अहमद खां, अंजुम फिरदौस और सैफ वली खां प्रमुख हैं। वहीं शहर विधानसभा सीट से अब्‍दुल कय्यूम खां उर्फ मुन्‍ना शामिल हैं। वहीं, बिथरी विधानसभा सीट से पूर्व महानगर अध्‍यक्ष और दशकों पहले विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रोफेसर जाहिद खां के सुपुत्र शुजा खान सहित अन्‍य नेता शामिल हैं। पठानों को उम्‍मीद है कि इस बार अखिलेश यादव उनके नेता को भी विधानसभा जाने का मौका जरूर देंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो जो भी पार्टी पठान उम्‍मीदवार उतारेगी उसे पठान वोट बड़ी तादाद में मिल सकता है। पठान वोटों का बंटवारा सपा की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

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