नीरज सिसौदिया, बरेली
विधानसभा चुनाव को लेकर लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें प्रदेश भर से चिकित्सक शामिल हुए। सम्मेलन के मुख्य अतिथि के तौर पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने विगत एक दिसंबर से लागू किये गए क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को निरस्त करने की घोषणा की। इस पर सम्मेलन में मौजूद चिकित्सकों ने उनका शुक्रिया अदा किया।
बरेली से सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक व ब्रज एवं अवध प्रांत के प्रभारी डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि सम्मेलन में प्रदेश भर से चिकित्सा प्रकोष्ठ के लगभग पंद्रह सौ से अधिक सदस्य शामिल हुए। इसमें उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा और पूर्व कृषि मंत्री राधामोहन सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। सम्मेलन में चिकित्सकों के समक्ष आ रही चुनौतियों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए आयाम हासिल करने पर चर्चा की गई।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने दिसंबर में लागू किए गए क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को निरस्त करने की घोषणा की। साथ ही इस संबंध में पुनर्विचार करने के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश भी दिए।
बरेली नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष और कैंट विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने सरकार के इस कदम को स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का एक स्वागत योग्य कदम है। इस एक्ट के लागू होने से 30 बेड से ऊपर वाले अस्पतालों में अनेकों असुविधाओं का सामना करना पड़ता जिससे अस्पतालों एवं मरीजों दोनों को बहुत परेशानियां होतीं।चिकित्सा जो कि एक कल्याणकारी व्यवसाय है वह पूर्णत: व्यापार बन कर रह जाता और बड़े कॉरपोरेट अस्पतालों की तर्ज पर मरीजों को भारी खर्चे का सामना करना पड़ता क्योंकि इस कानून के लागू होने से अस्पतालों में बहुत सारी अनावश्यक एवं अनुपयोगी चीजों का प्रावधान करना पड़ता। मुझे उम्मीद है कि इस कानून के निरस्त होने एवं नई कमेटी के बनने से निश्चित ही सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी के अलावा बरेली से आईएमए अध्यक्ष डा. विमल भारद्वाज भी उक्त सम्मेलन में शामिल हुए।