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चुनावी अधिसूचना के बाद उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी सपा, कैंट और बहेड़ी से पैनल के लिए तीन-तीन नाम फाइनल, जानिये कौन से चेहरे हैं?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट के बंटवारे में इस बार समाजवादी पार्टी कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के नक्शे कदम पर चलते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस बार चुनावी अधिसूचना जारी होने के बाद और नामांकन से चंद रोज पहले ही टिकट घोषित करने का मन बना चुके हैं। हालांकि, जमीनी स्तर पर उनका काम पूरा बताया जा रहा है। बताया जाता है कि लगभग 60-70 फीसदी सीटों पर तीन-तीन नाम फाइनल भी किए जा चुके हैं। अब संसदीय पैनल में इन नामों पर विचार किया जाएगा जिनमें से एक चेहरा पार्टी का प्रत्याशी होगा।
लखनऊ मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो बरेली जिले की दो सीटों पर पैनल के लिए तीन-तीन नाम फाइनल किए गए हैं। इनमें पहली बहेड़ी विधानसभा सीट है तो दूसरी कैंट विधानसभा सीट है। वहीं, भोजीपुरा, नवाबगंज और फरीदपुर सीट के प्रत्याशियों को पहले ही हरी झंडी दी जा चुकी है।
बहेड़ी सीट से टिकट की दौड़ में सबसे आगे पूर्व प्रत्याशी नसीम अहमद का नाम आ रहा है। पिछले चुनावों में सपा के पूर्व मंत्री अता उर रहमान से ज्यादा वोट हासिल करने और स्थानीय स्तर पर अता उर रहमान का विरोध होने के कारण नसीम अहमद का नाम पहले नंबर है। सूत्र बताते हैं कि नसीम अहमद ने पार्टी हाईकमान को कुछ ऐसे सबूत भी सौंपे हैं जो अता उर रहमान को दागी करार देते हैं। अता उर रहमान पर गौकशी करवाने का भी आरोप लगाया गया है लेकिन इसके पुख्ता प्रमाण नहीं सौंपे जा सके हैं।
पैनल में दूसरे मुस्लिम दावेदार के रूप में पूर्व मंत्री अता उर रहमान का नाम बताया जा रहा है। अता उर रहमान को संगठन के कार्यों में भी लगाया गया है। सीतापुर, बरेली आदि जगहों में आयोजित मुशायरों में भी उनकी अहम भूमिका रही है। सूत्र यह भी कहते हैं कि अता उर रहमान को संगठन में अहम जिम्मेदारी देकर एडजस्ट भी किया जा सकता है।

नसीम अहमद

तीसरे नंबर पर दो नामों की चर्चा प्रमुखता से हो रही है। इनमें एक जिला अध्यक्ष अगम मौर्य हैं तो दूसरे पूर्व विधायक के सुपुत्र पीयूष गंगवार। कहा जा रहा है कि अता उर रहमान और नसीम अहमद की लड़ाई के चलते हाई कमान को बहेड़ी की सीट गंवाने का डर सता रहा है। ऐसे में पार्टी विकल्प के रूप में हिन्दू चेहरे को भी मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। अब यह तीसरा चेहरा किसका होगा यह कहना फिलहाल मुश्किल है। पहले यह सीट गठबंधन सहयोगी दल को दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन शिवपाल यादव के साथ आने के बाद यह संभावनाएं खत्म होती नजर आ रही हैं। हालांकि, शिवपाल यादव के करीबी रहे अंजुम रसीद के नाम की चर्चा भी तेज होने लगी है।

अताउर्रहमान

चूंकि शिवपाल यादव पहले भी अता उर रहमान काे टिकट देने के पक्ष में नहीं थे लेकिन अखिलेश ने शिवपाल यादव की बात नहीं मानी और अंजुम रसीद का टिकट काटकर अता उर रहमान को दे दिया था और नतीजतन बहेड़ी की सीट पर सपा को हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए माना जा रहा है कि अखिलेश यादव इस बार शिवपाल यादव की सलाह को नजरअंदाज नहीं करने वाले। अगर ऐसा हुआ तो अता उर रहमान का पत्ता साफ होना तय है।

इंजीनियर अनीस अहमद खां

वहीं, कैंट विधानसभा सीट के जो तीन नाम संसदीय पैनल के लिए चयनित किए गए हैं उनमें पहला नाम इंजीनियर अनीस अहमद खां का है और दो अन्य नाम हिन्दू दावेदारों के हैं। जिनमें से एक कायस्थ समाज से है और दूसरा ब्राह्मण है या क्षत्रिय समाज से है इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। कायस्थ समाज से उपजा प्रेस क्लब के अध्यक्ष डा. पवन सक्सेना और जिला उपाध्यक्ष संजीव सक्सेना का नाम चर्चा में है।

अनुराग सिंह नीटू

वहीं, ब्राह्मणों में पूर्व मंत्री साधना मिश्रा और सुरेंद्र मिश्रा के नामों की चर्चा हो रही है। क्षत्रियों में एकमात्र नाम अनुराग सिंह नीटू का है। नीटू की दमदार मौजूदगी ने कैंट सीट पर एक अलग पहचान स्थापित कर ली है। ऐसे में उनकी दावेदारी को भी नकारा नहीं जा सकता।
बहरहाल, चुनाव की घोषणा के बाद ही तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी।

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