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शमीम खां सुल्‍तानी को कार्यवाहक जिला अध्‍यक्ष बनाना चाहता था हाईकमान, ऐन वक्‍त पर शिवचरन कश्‍यप का बढ़ाया मान, जानिये क्‍यों?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
समाजवादी पार्टी के जिला अध्‍यक्ष अगम मौर्य को बिथरी विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्‍याशी बनाने के बाद पार्टी हाईकमान नया जिला अध्‍यक्ष बनाने की जगह महानगर अध्‍यक्ष शमीम खां सुल्‍तानी को ही कार्यवाहक जिला अध्‍यक्ष बनाना चाहता था। इसकी सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई थीं लेकिन ऐन वक्‍त पर शिवचरन कश्‍यप को कमान सौंप दी गई। एक युवा चेहरे को इस तरह अचानक से इतनी बड़ी जिम्‍मेदारी मिलने की खबर से लोगों में हैरानी जरूर है लेकिन शिवचरन कश्‍यप को जिला अध्‍यक्ष की कमान सौंपने की कई अहम वजहें हैं।


दरअसल, बिथरी विधानसभा सीट पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव की दावेदारी की वजह से हॉट सीट बनी हुई थी। शिवचरन कश्‍यप भी इसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। गठबंधन के सहयोगी दलों ने भी इस सीट पर दावा जताया था। इस विवाद के चलते राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने जिला अध्‍यक्ष अगम मौर्य को ही मैदान में उतार दिया। अगर मौर्य को चुनावी मैदान में उतारने के बाद नए जिला अध्‍यक्ष की तलाश शुरू हो गई। किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए हाईकमान ने यह निर्णय लिया कि किसी पुराने, अनुभवी और योग्‍य नेता को इसकी जम्‍मेदारी सौंपी जाए। इसके बाद तय हुआ कि किसी नए चेहरे को चुनावी मौसम में लाने का मतलब गुटबाजी को जन्‍म देना होगा और इसका असर विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है। ऐसे में तय किया गया कि महानगर अध्‍यक्ष शमीम खां सुल्‍तानी को ही चुनाव तक कार्यवाहक जिला अध्‍यक्ष पद की जिम्‍मेदारी सौंप दी जाए। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि शमीम खां सुल्‍तानी लोकदल के समय से मुलायम परिवार के वफादार सिपाही हैं। जिले की राजनीति को भली-भांति समझते हैं। कई विधानसभा सीटों के प्रभारी भी रह चुके हैं और जिले में एक अलग पहचान भी रखते हैं। सूत्र बताते हैं कि शमीम खां सुल्‍तानी का बढ़ता कद एक बड़े नेा को रास नहीं आया और शमीम खां सुल्‍तानी की जगह नया दांव खेला गया। शमीम खां सुल्‍तानी की जगह एक साफ-सुथरी छवि के चेहरे की तलाश की गई जो पिछड़ों की सियासत का नया चेहरा बन सके। ऐसे में शिवचरन कश्‍यप को चुना गया। इसकी सबसे बड़ी वजह यह रही कि सपा ने कश्‍यप बिरादरी के किसी भी नेता को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है जबकि बरेली जिले की कोई भी ऐसी विधानसभा नहीं है जहों कश्‍यप बिरादरी का वोट अच्‍छी खासी तादाद में न हो। शिवचरन कश्‍यप के जरिये जिले की सभी विधानसभा सीटों पर कश्‍यप वोट बैंक साधने की कोशिश समाजवादी पार्टी की ओर से की जा रही है। अब शिवचरन कश्‍यप हाईकमान की उम्‍मीदों पर कितने खरे उतरते हैं इसका फैसला आसन्‍न विधानसभा चुनाव के नतीजे कर देंगे। अगर पार्टी विधानसभा चुनावों में उम्‍मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई तो हार का ठीकरा शिवचरन कश्‍यप के सिर फूटना तय है। साथ ही शिवचरन कश्‍यप के सामने पार्टी में गुटबाजी को बेअसर करने की भी बड़ी चुनौती है।


आज पार्टी कार्यालय में जब शिवचरन कश्‍यप का स्‍वागत किया जा रहा था तो कई ऐसे चेहरे भी शिवचरन कश्‍यप से नजदीकियां बनाते नजर आए जो पूर्व जिला अध्‍यक्ष अगम मौर्य के कार्यकाल में जिला कार्यकारिणी में जगह नहीं बना सके थे। इन नेताओं को शिवचरन कश्‍यप से खासी उम्‍मीदें हैं। अगर शिवचरन उन्‍हें एडजस्‍ट करते हैं तो वर्तमान कार्यकारिणी में नाराजगी हो सकती है और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन चेहरों की नाराजगी पूर्ववत ही रहेगी जो पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है।

जिला अध्‍यक्ष की कमान कश्‍यप को सौंपने पर यादव नेताओं में थोड़ी नाराजगी देखी जा रही है लेकिन वह फिलहाल यह उम्‍मीद लगाए बैठे हैं कि शिवचरन कश्‍यप सिर्फ विधानसभा चुनाव तक ही जिला अध्‍यक्ष रहेंगे। चुनाव के बाद नया अध्‍यक्ष होगा और वह यादव ही बनेगा। शिवचरन कश्‍यप की ताजपोशी को वे लोग महज अखिलेश यादव की चुनावी रणनीति का हिस्‍सा करार दे रहे हैं। बहरहाल, शिवचरन कश्‍यप की ताजपोशी सपा में एक नए बदलाव का संकेत दे रही है। समाजवादी पार्टी के इस कदम को ज्‍यादातर लोग सराहनीय करार दे रहे हैं। शिवचरन कश्‍यप के समक्ष विधानसभ चुनाव में पार्टी को जिले की नौ विधानसभा सीटों पर जिताने की चुनौती है। समय कम है और मेहनत ज्‍यादा करनी होगी।

स्‍वागत करने वालों में ये रहे शामिल
महानगर अध्‍यक्ष शमीम खां सुल्‍तानी, जिला प्रवक्‍ता मयंक शुक्‍ला मोंटी, महानगर महासचिव गौरव सक्‍सेना, जफर अल्‍वी, महेंद्र सिंह राजपूत लोधी, साधना सिंह लोधी राजपूत, गडि़या गंगवार, रीना खान, गोपाल कश्‍यप, आशिक अहमद, समर्थ मिश्रा आदि।

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