यूपी

गाँव में हुई एक वारदात ने सीधे-सादे ग्रामीणों को सोचने पर विवश कर दिया

Share now

भोपाल. कोई एक घटना कभी-कभी किसी व्यक्ति या पूरे गांव की दशा और दिशा बदल सकती है. ऐसा ही बैतूल (Betul) जिले के गांव केवलाझिर (Keolajhir Raisen) में हुआ. करीब 11 साल पहले 2011 में घटी से वारदात ने गांव के लोगों को पॉजिटिव सोचने को मजबूर कर दिया. ग्रामीणों ने मिलकर शपथ ली कि गांव में दोबारा ऐसा कोई अपराध ही नहीं होने देंगे. ग्रामीणों की शपथ और संकल्प अब गांव को ‘राम राज्य’ का दर्जा दे रही है. इस ‘राम राज्य’ की खास बात यह है कि इसमें किसी सरकार या पुलिस की भूमिका नहीं है बल्कि ऐसा करने वाले उस गांव के ही लोग हैं. दरअसल, 26 जनवरी साल 2011 के दिन बैतूल में शाहपुर थानाक्षेत्र के केवलाझिर गांव में हुई एक वारदात ने सीधे-सादे ग्रामीणों को सोचने पर विवश कर दिया.
गांव में मामूली से विवाद के चलते छह लोगों ने मिलकर रामकिशोर नाम के एक शख्स की हत्या कर दी. गांव में पुलिस पहुंची और अपराध करने वालों को गिरफ्तार करके ले गई. इस घटना ने एक ही बार में कई घरों को तबाह करके रख दिया. इस वारदात ने ग्रामीणों मानसिकता ही बदलकर रख दी.
अपराधों के खिलाफ ग्रामीणों की शपथ रंग लाई
ग्रामीणों ने शपथ ली कि वे दोबारा उनके गांव में ऐसा कोई अपराध नहीं होने देंगे, जिसमें पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़े. इसके लिए ग्रामीणों ने संगठित होकर एक ऐसा सिस्टम लागू किया, जिसके तहत गांव में होने वाले सभी छोटे-बड़े विवाद को गांववाले आपस में ही बातचीत के जरिये या फिर पंचायत की मदद से सुलझाएंगे. किसी भी विवाद को अपराधों की शक्ल नहीं लेने देंगे. केवलाझिर के ग्रामीणों की शुरुआत धीरे-धीरे रंग लाने लगी. पहले महीनों फिर बरसों तक गांव में पुलिस बुलाने की नौबत ही नहीं आई.
केवलाझिर गांव में कोई त्योहार हो या फिर कोई दूसरा धार्मिक-सामाजिक आयोजन, सभी को पंचायत द्वारा तय किए गए नियमों का पालन करना पड़ता है. यदि कोई नियम तोड़ता है यानी विवाद की वजह बनता है उसे पहले समझाया जाता है. अगर वह नहीं मानता तो पंचायत के नियमों के मुताबिक जुर्माना आदि की सजा दी जाती है. गांव में हर माह की 10 तारीख को चौपाल लगती है. इसमें सरपंच, गांव पटेल एवं गांव के वरिष्ठ रहते हैं, वे ग्रामीणों के विवादों निपटारा करते हैं.
विधायक के गांव को दिया 25 हजार रुपये का इनाम
केवलाझिर गांव के बाशिंदों ने कमाल की सूझबूझ दिखाते हुए पुलिस और न्यायालय की मदद की है, क्योंकि जब छोटे-बड़े सुलझने लायक विवाद-वारदात थानों तक पहुंचेंगे ही नहीं तो पुलिस और कोर्ट दोनों का समय बचेगा. ग्रामीणों के प्रयासों के चलते गांव केवलाझिर 100 फीसदी अपराध मुक्त गांव बन गया. तब घोड़ाडोंगरी के बीजेपी विधायक मंगल सिंह ने भी इस उपलब्धि पर गांव को 25 हजार का इनाम देने की घोषणा की है.

केवलाझिर की खुश्बू गांव बाचा तक पहुंची, वह भी अपराध मुक्त
कहते हैं अच्छे कामों की खुश्बू तेजी के फैलती है. अपराध-मुक्त गांव की ख्याति फैली तो जिले के ही एक अन्य गांव बाचा के नागरिकों को भा गई. उन्होंने भी केवलाझिर की तरह अपने गांव को 100 फीसदी अपराध मुक्त करने का संकल्प लिया. गांव के एक प्रतिनिधिमंडल ने केवलाझिर जाकर वहां पंचायत के लोगों से सारी योजना समझी और इसे गांव वाचा में भी लागू किया. अब एक ही जिले के दो गांव केवलाझिर और बाचा 100 प्रतिशत अपराध मुक्त आदर्श गांव हैं. बाचा गांव सोलर विलेज और वॉटर विलेज का दर्जा भी प्राप्त कर चुका है. इस गांव को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं.

गांव से 11 साल से एक भी शिकायत थाने नहीं पहुंची
केवलाझिर के एक ग्रामीण कल्लू सिंह धुर्वे का कहना है कि इस गांव में केवल पंचायत के तय नियमों का ही पालन किया जाता है. गांव को अपराधमुक्त बनाने के लिए तमाम संभव प्रयास किए, जिसका नतीजा ये हुआ कि 2011 के बाद आज तक इस गांव से एक भी शिकायत शाहपुर या किसी दूसरे थाने तक नहीं पहुंची. गांव के सरपंच बताते हैं कि 2011 के बाद से वारदात न होने से केवलाझिर गांव को शाहपुर थाना पुलिस ने अपराध मुक्त गांव घोषित कर ग्रामीणों को सम्मानित किया है.

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *