नीरज सिसौदिया, बरेली
विधानसभा के सियासी महाभारत में भारतीय जनता पार्टी प्रचार के साथ ही जोड़तोड़ का खेल भी खूब खेल रही है। बरेली महानगर की दोनों सीटों पर भाजपा नेता अब उन नेताओं से संपर्क साध रहे हैं जो समाजवादी पार्टी से नाराज हैं और शहर में अपना अलग वजूद रखते हैं। इनमें कोई कारोबारी है तो कोई टिकट का चाह्वान रहा है। कुछ पार्षद हैं तो कुछ पार्षद का चुनाव हारे हुए लोग हैं। यही नहीं भाजपा की नजर संगठन के नाराज पदाधिकारियों पर भी है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा नेता इन नाराज सपा के पदाधिकारियों पर डोरे डाल रहे हैं। संगठन में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे ये नेता भी कमल का फूल खिलाने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें वैसे तो कई नेता शामिल हैं लेकिन एक नाम जो खुलकर सामने आ रहा है वह समाजवादी पार्टी के महानगर कोषाध्यक्ष संदीप बग्गा का है।
बता दें कि संदीप बग्गा पिछले काफी समय से पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। इसकी वजह संगठन के एक अन्य पदाधिकारी से उनकी नाराजगी है। संदीप बग्गा की गिनती बरेली के प्रतिष्ठित कारोबारियों में होती है। वह सिख समाज से ताल्लुक रखते हैं। बता दें कि सिख समाज वैसे तो बरेली में भाजपा का वोट बैंक माना जाता है। सिख समाज के कई बड़े चेहरे भाजपा से जुड़े हैं लेकिन संदीप बग्गा समाजवादी पार्टी के महानगर कोषाध्यक्ष हैं। पंजाबी खत्री समाज पर अच्छी पकड़ होने के साथ ही व्यापारियों के बीच भी वह लोकप्रिय हैं। संगठन से उनकी नाराजगी भी जगजाहिर है। ऐसे में उनके समाज से जुड़े भाजपा के कुछ नेता उन्हें भाजपा में शामिल होने का ऑफर दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो संदीप बग्गा उपेक्षा से आहत हैं और लोगों से यह भी कह रहे हैं कि जब समाजवादी पार्टी में पार्टी के पदाधिकारी को ही कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है तो फिर आम आदमी को कितनी तवज्जो दी जाएगी इसका अंदाजा खुद ब खुद लगाया जा सकता है। हालांकि, जब इस संबंध में संदीप बग्गा से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार करते हुए खुद को समाजवादी पार्टी का सच्चा सिपाही बताया।
इसी तरह पुराने शहर की एक महिला पार्षद को पार्टी प्रत्याशी के कार्यक्रम की जानकारी न देने से उनमें भी नाराजगी है। बताया जाता है कि उक्त पार्षद के परिजनों ने यह नाराजगी जाहिर भी कर दी थी लेकिन महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी की सूझबूझ से इस मामले को सुलझा लिया गया था। वहीं, पुराने शहर के कुछ मुस्लिम पार्षद और पार्षद का चुनाव हारने वाले कुछ नेता भी हाजी इस्लाम बब्बू को अंदरखाने पूरा समर्थन दे रहे हैं। इनमें कुछ लोग भाजपा नेताओं के भी संपर्क में हैं। बहरहाल, इस नाराजगी का सीधा फायदा सत्ताधारी पार्टी और कांग्रेस उम्मीदवारों को मिलता नजर आ रहा है।
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