यूपी

योगी के शपथ ग्रहण में गईं भाजपा नेत्रियों को मिलीं गालियां, नशे में धुत कार्यकर्ताओं ने कहा- वेश्या, विरोध पर की धक्का- मुक्की, दबाव में दबाया गया मामला?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर उत्तर प्रदेश के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। इस ऐतिहासिक पल की गवाह बनने के लिए बरेली से कुछ महिला कार्यकर्ता भी एक बस में पुरुष कार्यकर्ताओं के साथ गई थीं। लेकिन उनके अरमानों पर उस वक्त पानी फिर गया जब यह ऐतिहासिक दिन उनकी जिंदगी की किताब में सबसे काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गया। पार्टी के पुरुष कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ उनके साथ धक्का-मुक्की और गाली-गलौज किया बल्कि उन्हें वेश्या का तमगा तक दे डाला। बेबसी ऐसी कि खून के आंसुओं का घूंट पीने वाली इन भाजपा नेत्रियों को इंसाफ दिलाने और अभद्रता के आरोपी कार्यकर्ताओं को सजा दिलाने की बजाय पार्टी के पदाधिकारी पुलिस के आने के बावजूद मामले को दबाने में लगे रहे। पीड़ित महिलाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

भाजपा की पूर्व मंडल अध्यक्ष साधना वर्मा ने इंडिया टाइम 24 को बताया कि यूपी में फिर से भाजपा की सरकार बनने और योगी जी के दोबारा सीएम बनने को लेकर वह और उनकी साथी महिला नेत्रियां विमला यादव, वंदना और अन्य काफी उत्साहित थीं। इसीलिये जब शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की बात आई तो वे भी एक बस में सवार होकर लखनऊ गईं और इस ऐतिहासिक पल की गवाह बनीं। उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह तक तो सब ठीक रहा लेकिन समारोह खत्म होते ही जैसे उनका काल आ गया हो। साधना ने बताया कि पहले तो उनकी बस में आए पुरुष साथी उन्हें बस कहां खड़ी है यह बात सही तरीके से नहीं बता पा रहे थे। काफी भटकने के बाद जब वे अपनी साथी महिला कार्यकर्ताओं के साथ बस में पहुंचीं तो पुरुष कार्यकर्ता दीपक शर्मा,रूपेंद्र पटेल और प्रेमशंकर पटेल उन पर चिल्लाने लगे। इसके बाद जब बस चलने लगी तो ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठकर पुरुष कार्यकर्ता सिगरेट और शराब पीने लगे। इस दौरान महिलाएं असहज हो रही थीं। उन्होंने पुरुष साथियों से इस बारे में बात भी की लेकिन नशे में धुत पुरुष कार्यकर्ता सुनने को तैयार नहीं थे। चूंकि बस में महज चार-पांच ही महिला कार्यकर्ता थीं इसलिए वे कुछ नहीं कर सकीं। इसके बाद रात को जब खाने के लिए बस शेरगढ़ के पास एक ढाबे पर रोकी गई तो साधना वर्मा गेट पर खड़ी होकर महिला साथियों को नीचे उतरने में मदद करने लगीं। इस दौरान दीपक शर्मा उनके साथ धक्का-मुक्की और गाली-गलौज करने लगा। मामला इतना बढ़ गया कि आरोपी हाथापाई पर उतारू हो गए और महिलाएं भागकर बस से नीचे उतर गईं। इसके बाद मदद के लिए 112 नंबर पर फोन कर पुलिस बुलाई गई। पुलिस के सामने भी आरोपी अभद्रता करते रहे और मां-बहन की गालियां देते रहे। पुलिसकर्मी जब घटना का वीडियो बनाने लगे तो नशे में धुत कार्यकर्ता पुलिस से भी उलझ पड़े और सत्ता का रसूख दिखाकर दबाव बनाने लगे। इसी बीच घटना की सूचना जिला अध्यक्ष पवन सक्सेना को मिली तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे और मामला शांत कराने का प्रयास किया। साधना वर्मा ने बताया कि पवन शर्मा मामले को दबाने की कोशिश करते रहे जिस कारण पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की। उन्होंने बताया कि पवन शर्मा खुद महिला नेत्रियों से माफी मांगने लगे लेकिन नशे में धुत आरोपियों ने माफी मांगना तक मुनासिब नहीं समझा। इससे पीड़ित महिलाओं में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि भाजपा सरकार में जब पार्टी की महिलाओं को ही इंसाफ नहीं मिलेगा तो फिर आम महिलाओं का क्या होगा? उन्होंने कहा कि हम योगी जी से मांग करते हैं कि गैरकानूनी होने के बावजूद बस में बैठकर धूम्रपान करने और शराब पीकर महिलाओं से धक्का-मुक्की व गाली-गलौज करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। ऐसे लोग सिर्फ पार्टी की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं। इनके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरोपी उन पर हमला भी कर सकते हैं और उन्हें जान से मार भी सकते हैं इसलिए उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। साधना वर्मा ने बताया कि एक आरोपी खुद को एडवोकेट बताते हुए झूठे केसों में फंसाने की धमकी भी दे रहा था।

इस संबंध में जब आरोपियों से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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