झारखण्ड

गर्वः डीवीसी की बिजली से रोशन हो रहा है देश-विदेश

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75 वां स्थापना दिवस आज
बोकारो थर्मल, रामचंद्र कुमार अंजाना
डीवीसी का 75 वां स्थापना दिवस गुरूवार को है। 7 जुलाई 1948 को ही आजाद भारत की प्रथम बहुद्देश्यीय नदी घाटी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) केंद्रीय विधान मंडल के एक अधिनियम से अस्तित्व में आया।डीवीसी ने सात दशकों से ज्यादा का सफर कामयाबी के साथ पूरा किया। आज डीवीसी की बिजली झारखंड, बंगाल, बिहार, पंजाब, यूपी, एमपी, हरियाणा, दिल्ली समेत देश के कई राज्य सहित बंगलादेश भी रोशन हो रहें है। हालांकि, इस दौरान डीवीसी को उतार-चढाव का भी सामना करना पड़ा। डीवीसी लंबे समय से पूर्वी भारत की जीवन रेखा के निर्माण में अग्रणी निभाता रहा। पूर्वी भारत का यह परियोजना मौजूदा समय में राष्ट्रीय फ़लक पर रोशन कर रहा है, ना केवल ऊर्जा के क्षेत्र में बल्कि हरेक क्षेत्रों में देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वैसे कुछ क्षेत्रों में कसक रह गयीं, पर उम्मीदें कम नहीं हुई है। आजादी से पहले दामोदर नदी शोक नदी के रूप में जानी जाती थी। प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका से लोग त्रस्त थे। झारखंड के पलामू जिला के दुर्गम पर्वतों से उत्पन्न यह नदी दामोदर प्रायः 370 मील की सफर को तय करती है। आदिम आदिवासी एवं प्रांतीय जनजीवन दामोदर को देवनंद मानते है। छोटानागपुर अंचल के आदिम आदिवासियों द्वारा दिए गए दामुंडा नाम से दामूदा बाद में दामोदर नाम की उत्पत्ति हुई। टेनिसी वैली की तर्ज पर इस परियोजना की आधारशिला रखी गयी। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दामोदर को नियंत्रित करने के प्रयास को मूर्तरूप दिया। देश की प्रथम बहुद्देश्यीय परियोजना जो बिहार(वर्तमान में झारखंड), पश्चिम बंगाल एवं केंद्र सरकार के संयुक्त साझेदारी से डीवीसी के नाम से परिचित हुई। वर्ष 1951को बोकारो थर्मल में एशिया का प्रथम पावर प्लांट का निर्माण किया गया। प्रारंभ से ही डीवीसी ने बाढ़ नियंत्रण, जल संचयन व विधुत उत्पादन तथा प्राषेण एवं अधिकार क्षेत्र में आर्थिक एवं समाजिक उन्नति पर काफी जोर दिया। डीवीसी को तीन क्षेत्रों कोयला, जल और तरल ईंधन के माध्यम से बिजली उत्पादन करता है। वर्तमान में डीवीसी की कुल उत्पादन 7237.2 मेगावाट क्षमता है। डीवीसी ने सकल ऊर्जा उत्पादन में 29 फीसदी की वृद्धि (27788 एमयू) है। ताप विधुत उत्पादन में 25 फीसदी की वृद्धि (27558 एमयू) दर्ज किया है।
डीवीसी की परियोजनाएं : दुर्गापुर, दुर्गापुर अंडाल, चंद्रपुरा, मेजिया, रघुनाथपुर, बोकारो थर्मल, कोडरमा में डीवीसी की परियोजनाएं संचालित है। वर्तमान में बोकारो थर्मल पावर प्लांट से 500 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहीं है। प्रोजेक्ट हेड सुशांत सन्नीग्रही ने कहा कि स्थापना दिवस को लेकर यहां पूरी तैयारी कर ली गयी है।

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