झारखण्ड

देश के लोगों में आजादी की लौ जलाए थे मंगल पांडेय : बाबूलाल गिरी

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बोकारो थर्मल, रामचंद्र कुमार अंजाना
देश के लोगों में आजादी की लौ जलाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडेय का नाम काफी ऊपर आता है। देश आज उनकी 196वीं जन्म जयंती बोकारो थर्मल में मनायी गयी। अंग्रेजी फौज के सिपाही रहे मंगल पांडेय ने देश के लोगों में आजादी ऐसी अलख जगाई कि 90 साल बाद अंग्रेजी हुकूमत को देश छोड़ना पड़ा। 1857 के सिपाही विद्रोह को आजादी की पहली लड़ाई के रूप में जाना जाता है। इस लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले मंगल पांडेय को उनकी जयंती के मौके पर बोकारो थर्मल के नागरिकों ने अपने ही अंदाज में याद किया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा कि मंगल पांडेय ने बेहद महत्वपूर्ण समय में देशभक्ति की लौ प्रज्वलित की। अनगिनत लोगों को प्रेरित किया। 30 साल की आयु में अंग्रेजी हुकूमत ने मंगल पांडेय को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया था। उन्होंने मेरठ में ही अंग्रेजी सरकार के खिलाफ बगावत की थी। 10 मई 1857 को मेरठ के कोतवाल धन सिंह गुर्जर और मंगल पांडेय ने हथियार उठा लिया था। यह युवाओं में आज भी जोश भरती है। कहा कि मंगल पांडेय साहस और दृढ़ता का पर्याय हैं। अंग्रेजी शासन के दौरान भारतीय सैनिकों को काली पलटन कहा जाता था। वे जिन कारतूसों का इस्तेमाल करते हैं, उसमें गाय की चर्बी मिली होती है। इसी के बाद भारतीय सैनिकों में विद्रोह की ज्वाला भड़की और 1857 की क्रांति की शुरुआत हुई। इसी साल मंगल पांडेय को बगावत के आरोप में अंग्रेजी सरकार ने फांसी की सजा दे दी थी। इस अवसर पर वरीष्ठ समाजसेवी जोगेंद्र गिरी उर्फ बाबूलाल गिरी, रंगनाथ चौबे, मुखिया विकाश सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, रामलाल पासवान, जीपी सिंह, नीलरत्न, हरदीप राम, राजकुमार ओझा, करन कुमार, अनिल सिंह, दयाल महतो, राकेश सिंह, मनीष कुमार, बीएन सिंह, संतोष सिंह, विनोद कुमार, रंजीत शर्मा, मुकेश कुमार, रघु मिर्धा, केशव महतो, सुनील सिंह, लक्ष्मी लाल, रत्नेश सिन्हा, रमेश उपाध्याय, राजकिशोर सिंह आदि कई लोग उपस्थित थे।

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