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जबर टुसू परब में दिखी झारखंडी संस्कृति की झलक

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रामचंद्र कुमार अंजाना। नावाडीह (बेरमो)

झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति की ओर से नावाडीह स्थित विनोद बिहारी महतो ग्रामीण स्टेडियम में शुक्रवार को आयोजित जबर टुसू परब के अवसर पर टुसू प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । साथ ही झारखंड की संस्कृति व सभ्यता से जुड़ी घोड़नचवा, छऊ नृत्य, झूमर नृत्य आदि विभिन्न टोली की ओर से प्रस्तुत किया गया । इसके अलावा टुसू गीत पर भी बाल कलाकारों ने कई नृत्य प्रस्तुत किया ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी जयराम महतो ने कहा कि किसान के लिए धान बेटी के समान है । धान के फसल तैयार होने के बाद धान को घर में प्रवेश कराने के खुशी में यह टुसू परब पर्व मनाया जाता है । उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के 22 वर्ष पूरा होने के बावजूद यहां की संस्कृति व सभ्यता जीवित नहीं है । समय रहते यदि यहां के लोग जागरुक नहीं हुए तो हम बीस साल और पीछे चले जाएंगे ।

उन्होंने यहां की संस्कृति को जीवित करने की जरुरत पर जोर देते हुए कहा कि यदि अब भी हमलोग नहीं सुधरे तो जमीन हमारी रहने के बावजूद बिहार के लोग ही यहां का राजा बने रहेंगे । यह भी कहा कि यह कैसी विडंबना है कि झारखंड की कुड़माली, संथाली बिहार में नहीं चल सकता फिर भोजपुरी झारखंड में क्यों ? यहां के आदमी बिहार में मुखिया तक नहीं बन सकता है, किन्तु बिहार के आदमी बेरमो का विधायक बन बैठा है । जयराम महतो ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार यहां के नीति नियम लागू नहीं की तो निर्णय पारसनाथ पहाड़ में करने का आह्वान किया । साथ ही 15 जनवरी को अधिकाधिक लोगों को पारसनाथ पहुंच पहाड़ चढ़ने की अपील की । ताकि दूसरों को बता सके की पारसनाथ पहाड़ पर यहां के लोगों का आस्था से जुड़ा है । टुसू परब पर चर्चा करते हुए कहा किसान अपनी बेटी के बाद धान को बेटी लक्ष्मी का रुप दिया है । खेत में लंबे समय सेवा के बाद लहलहाती धान की तैयार फसल को जब किसान काटकर घर में प्रवेश कराते है तो किसान के चेहरे पर खुशी देखने लायक रहती है । इसके खुशी में किसान टुसू परब का आनंद लेते है । यहां मोतीलाल महतो, विष्णुगढ जिप सदस्य तयैब, चंद्रपुरा जिप सदस्य अजय महतो, पंसस गीता देवी, सुभद्रा कुमारी, सिकंदर अली, भागीरथ महतो, खेमलाल महतो, करन कुमार, संजय महतो, कमलेश महतो, महेन्द्र साव, चंद्रदेव महतो, प्रवीण रवानी, मनोज महतो, संदीप महतो, रोहित महतो, लक्ष्मण महतो आदि बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे ।

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