दिल्ली

न सुरक्षा दे रहे न गन का लाइसेंस, कृष्णानंद शास्त्री पर कई बार जानलेवा हमले कर चुके हैं गोतस्कर, क्या विहिप पदाधिकारी की हत्या का इंतजार कर रहे हैं अफसर, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
पिछले लगभग तीन दशक से गोकशों और गोतस्करों से लोहा लेने वाले विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े गो सेवा निधि के उत्तर भारत प्रमुख पंडित कृष्णानंद शास्त्री पर कई बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। इन हमलों के बाद उन्होंने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार भी लगाई लेकिन उन्हें कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। इसके बाद उन्होंने गन के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया ताकि वह ऐसे जानलेवा हमले होने पर अपनी रक्षा स्वयं करने में सक्षम हो सकें लेकिन लंबे समय बाद भी उन्हें लाइसेंस नहीं दिया जा रहा। पुलिस और प्रशासन के इस रवैये से आहत कृष्णानंद शास्त्री कहते हैं कि शायद पुलिस और प्रशासन को उनकी हत्या का इंतजार है। इसलिए उन्हें न तो सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है और न ही गन का लाइसेंस दिया जा रहा है। वह बताते हैं कि गोकशी के खिलाफ उनकी मुहिम के दौरान कई बार गोतस्करों ने उन पर गोलियां चलाई, इसी साल उन पर जानलेवा हमला हुआ और गोतस्करों ने उनके हाथ -पैर तक तोड़ डाले। जिसके कारण उन्हें करीब ढाई महीने तक बिस्तर पर ही रहना पड़ा था। गोतस्कर तो उन्हें मृत समझकर ही छोड़ गए थे लेकिन ईश्वर की कृपा से वह बच गए। इससे पहले भी उन पर जानलेवा हमले हो चुके हैं। वर्ष 2019 में दिल्ली के गाजीपुर इलाके में गायें काटी जा रही थीं। सूचना मिलने पर जब कृष्णानंद शास्त्री मौके पर पहुंचे तो गोकशों ने उन पर गोलियां बरसा दीं। इस मामले में भाजपा सांसद मेनका गांधी के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर तो दर्ज की गई लेकिन दिल्ली पुलिस ने आज तक हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया। इसके बाद वर्ष 2021 और 2022 में भी उन पर जानलेवा हमले किए गए लेकिन हमला करने वाले आज भी खुले घूम रहे हैं। पुलिस की लापरवाही के कारण उनके हौसले इतने बुलंद हो गए कि 26 जून 2023 को एक बार फिर गोकशों ने उनके हाथ पैर तोड़ डाले और मृत समझकर छोड़ गए। इनमें से किसी भी हमले का आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं। पुलिस और प्रशासन का यह उदासीन रवैया यह दर्शाता है कि लापरवाह अधिकारियों को कृष्णानंद शास्त्री की हत्या का इंतजार है। इसलिए उन्हें अब तक न तो सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है और न ही उन्हें गन का लाइसेंस दिया गया। बहरहाल, पुलिस. और प्रशासन के अधिकारी नींद से कब जागेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन अगर इस बीत कृष्णानंद शास्त्री पर कोई और हमला होता है तो निश्चित रूप से इसके जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन ही होंगे।

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