नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली/चंडीगढ़
किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान शुभकरण सिंह के शव का अब अंतिम संस्कार किया जाएगा। पंजाब सरकार ने किसानों की एफआईआर दर्ज करने वाली मांग मान ली है। इसके बाद खनौरी सीमा पर उन्हें हजारों किसानों ने श्रद्धांजलि दी।
एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन आज 17वें दिन में प्रवेश कर गया। आज का दिन इस आंदोलन के लिए इसलिए भी अहम हो गया क्योंकि खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की कार्रवाई में जान गंवाने वाले बठिंडा के रहने वाले किसान शुभकरण सिंह की हत्या के मामले में पंजाब पुलिस ने जहां हरियाणा पुलिस के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कर ली है तो वहीं हरियाणा पुलिस ने आंदोलन के दौरान उपद्रव करने वाले लोगों को ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से चिह्नित कर उनके पासपोर्ट रद करने की कार्रवाई शुरू कर दी।
सरकार ने आज भी किसानों की मांगें नहीं मानी हैं और किसान अब भी खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि खनौरी और शंभू बॉर्डर पर मार्च का आज सत्रहवां दिन है। हमें जानकारी मिली है कि हमारे आंदोलन में खनौरी सीमा पर शहीद हुए किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में पंजाब पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 और 114 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। साथ ही आज हम शुभकरण सिंह के शव को खनौरी बॉर्डर पर ले जाएंगे और उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “हमने कानूनी सलाह लेकर FIR की है। घटना कहां हुई, मौत का कारण क्या है, इसकी जांच की जाएगी। उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी और उस गरीब परिवार को एक करोड़ रुपया देने का ऐलान किया है। कल विधानसभा का सत्र है जिसमें शुभकरण को भी श्रद्धांजलि देंगे।”
वहीं, हरियाणा पुलिस ने कहा है कि हमने किसान आंदोलन की आड़ में उपद्रव करने वाले किसानों को चिह्नित कर लिया है। हमारे ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी में उनकी तस्वीरें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं। हमने केंद्र सरकार को इन सभी के पासपाेर्ट रद्द करने के लिए पत्र लिखा। उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।