नई दिल्ली। सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का गुरुवार को निर्णय लिया जिसका लाभ करीब 50 लाख कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महंगाई भत्ता पहले से 46 प्रतिशत है और अब इस बढोतरी से यह 50प्रतिशत हो गया है। इसके मद्देनजर अब आवास भत्ते के साथ ही ग्रेच्युटी आदि में भी बढोतरी होगी। अब आवास भत्ता नौ प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत, 18 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत और 27 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जायेगा। इसके साथ ही ग्रेच्युटी की ऊपरी सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। श्री गोयल ने कहा कि महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की बढोतरी से सरकार पर 12868.72 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हांलाकि महंगाई भत्ते और आवास भत्ते के साथ ही इससे जुड़े अन्य भत्तों में बढोतरी से केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक 24400 करोड़ रुपये का लाभ होगा। महंगाई भत्ते के बढ़कर 50 प्रतिशत पर पहुंचने से इसको मूल वेतन में जोड़ने से जुड़े एक सवाल पर श्री गोयल ने कहा कि अभी सिफर् महंगाई भत्ते में बढोतरी का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप ही ये निर्णय लिये गये हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ पांच साल के लिए ‘इंडिया एआई मिशन’ को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र के इस कदम से देश में एआई विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। गोयल ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,372 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक महत्वाकांक्षी एआई मिशन को मंजूरी दी है। इससे एआई खंड और इस क्षेत्र में जारी शोध को प्रोत्साहन मिलेगा। इस मिशन का क्रियान्वयन डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) के तहत इंडियाएआई स्वतंत्रा कारोबार खंड (आईबीडी) के जरिये किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल सार्वजनिक-निजी भागीदारी में उच्चस्तर के एआई परिवेश के निर्माण में किया जाएगा। गोयल ने संवाददाताओं से कहा एआई परिवेश बनाने के लिए 10,000 से अधिक जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) वाली सुपरकंप्यूटिंग क्षमता विभिन्न संबद्ध पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी। गोयल ने कहा कि स्टार्टअप, शिक्षा जगत, शोधकर्ताओं और उद्योग को भारत एआई (कृत्रिम मेधा) मिशन के तहत स्थापित एआई सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान की जाएगी। मिशन के तहत एक राष्ट्रीय डेटा प्रबंधन अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो डेटा की गुणवत्ता में सुधार करने और उन्हें एआई विकास और उपयोग के लिए उपलब्ध कराने को लेकर विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों के साथ समन्वय करेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है कि एआई भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह कार्यक्रम भारत के एआई परिवेश को उत्प्रेरित करेगा और इसे भारत और दुनिया के लिए एआई के भविष्य को आकार देने वाली ताकत के रूप में स्थापित करेगा। एआई हमारे समय के महानतम खोजों में से एक है, भारत इसके भविष्य को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। यह ‘मोदी की गारंटी’ है।”
वहीं, सरकार ने वर्ष 2024 – 25 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 285 रुपए बढ़ाकर 5335 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस आशय की प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कच्चे जूट का एमएसपी (टीडीएन-3 पहले के टीडी-5 ग्रेड के बराबर) वर्ष 2024-25 सीज़न के लिए 5,335 रुपए रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इससे उत्पादन की अखिल भारतीय औसत लागत पर 64.8 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित होगा है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है। श्री गोयल ने कहा कि वर्ष 2024-25 सीज़न के लिए जूट के एमएसपी में पिछले सीज़न की तुलना में 285 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है। पिछले 10 वर्षों में, सरकार ने 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए कच्चे जूट के लिए एमएसपी को वर्ष 2014-15 में 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 में 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चालू सीजन 2023-24 में, सरकार ने 524.32 करोड़ रुपये की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है, जिससे लगभग 1.65 लाख किसानों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि जूट खरीद के लिए भारतीय जूट निगम केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में जारी रहेगा।
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