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बहराइच के पुरैनी में नशे का काला कारोबार कर रहा फूल बाबू पांडेय, मूकदर्शक बनी है पुलिस, जानिये योगी सरकार की पुलिस के भ्रष्टाचार की पूरी कहानी

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बहराइच। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को मिली हार के पीछे यहां के पुलिस प्रशासन की नाकामियां भी जिम्मेदार हैं। योगी आदित्य नाथ जिस कानून व्यवस्था को सुधारने की वजह से दोबारा सत्ता में आए थे उसी कानून व्यवस्था की अब बहराइच जिले के हुजूर पुर थाने की पुलिस खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है। पुलिस की नाक के नीचे नशे के सौदागर अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहे हैं और योगी की पुलिस तमाशबीन बनी हुई है। यहां का पुरैनी इलाका नशे का अड्डा बन चुका है और इस पूरे खेल को कथित तौर पर कुछ रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा है। इस पूरे खेल में स्थानीय पुलिस चौकी की भूमिका संदिग्ध है।

सूत्रों की मानें तो पुलिस की यह कारगुजारी यहां के युवाओं के लिए अभिशाप बन चुकी है। युवा नशे के दलदल में धंसते जा रहे हैं और पुलिसकर्मी हर माह लाखों रुपए के वारे-न्यारे कर रहे हैं। अगर यहां के पुलिसकर्मियों की संपत्ति की ईडी या सीबीआई से जांच कराई जाए तो सारा सच सबके सामने आ जाएगा। थाना क्षेत्र की कई ग्राम सभाओं में नशा कारोबारियों के एजेंट फैले हुए हैं जो चंद पैसों के लालच में युवाओं को नशे का आदी बनाने में जुटे हैं।
अभी तक पंजाब को नशा खोरी में सबसे आगे माना जाता था परंतु अब पुरैनी उससे आगे निकल रहा है। पुलिस का खौफ इतना है कि इन नशे के सौदागरों के खिलाफ कोई भी कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि नशे के इस काले कारोबार से पुलिस भली-भांति वाकिफ है। वह खुद ही इस कारोबार को संरक्षण दे रही है। अगर कोई शिकायत करने की कोशिश भी करता है तो उसे पहले तो धमकाया जाता है और बाद में झूठे मामले में फंसाने का डर दिखाया जाता है। नशे के कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
लोगों ने बताया कि ग्राम पुरैनी पांडेय पुरवा के फूल बाबू पांडेय द्वारा नशे का कारोबार संचालित किया जा रहा है जो विगत कई वर्षों से चल रहा है।
बताया जा रहा है कि पुरैनी चौराहे पर रखी ढाबली पर नौकर को बिठा कर गांजा चिप्पड़, चरस, अफीम आदि धड़ल्ले से बेचा जाता है। तथा फूल बाबू अपनी कार से प्रतिदिन प्रातः 3 से 4 बजे के बीच नशे का सामान लेकर अपने एजेंटों को सप्लाई भी करते हैं।
लोगों का कहना है कि 75 रुपए से लेकर 500 रुपए तक के पैकेट घर पर पन्नी में पैक किए जाते हैं तथा खाली सिगरेट भी भरी जाती है।
लोगों ने बताया कि इनकी सेटिंग तहसील में लेखपाल और कानूनगो तथा थाना हुजूर पुर में थाना अध्यक्ष से लेकर आरक्षी तक है जिससे जो भी मुंह खोलने की कोशिश करता है उसकी जमीन पर इस पूरे रैकेट के माध्यम से अवैध कब्जा तक करवा दिया जाता है या थाने में बंद करवा दिया जाता है।
जिससे लोगों में काफी दहशत है और लोग खुलकर कुछ भी बोलने से डरते हैं।
बताया जा रहा है कि आशाराम नाम के एक व्यक्ति जिसकी उम्र लगभग 30- 32 वर्ष थी उसने फूल बाबू के दरवाजे पर बैठ कर नशा किया कुछ देर बाद बेहोश होकर जमीन पर गिर गया । जब आशा राम के पिता हनुमान को तथा परिवार वालों को सूचना मिली तो सब लोग वहां पहुंचे। आशा राम को उठा कर अस्पताल ले जाने लगे लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो गई।
जिस पर उपरोक्त नशा कारोबारियों ने आशा राम की पत्नी तथा पिता हनुमान को धमका कर चुप करा दिया जिससे परिवार वालों ने चुपचाप अंतिम संस्कार कर दिया।
आज आशाराम की पत्नी स्कूल में खाना बनाती है उससे जो पैसे मिलते हैं उससे अपने बच्चों का भरण पोषण करती है। परंतु इतना भय व्याप्त है कि सबके सामने बोलने से डरती है कि उसके पति की मृत्यु कैसे हुई थी।
इनका दाहिना हाथ कहे जाने वाला रज्जब अली जो कई बोरा गांजा तस्करी करते हुए जौनपुर में पकड़ा गया था और वहीं लगभग दो साल बंद रहा। कुछ दिनों पहले छूट कर घर आया है।
रज्जब अली ने उपरोक्त फूल बाबू की सहायता से दो गरीबों कुलेराज, काशी, चंद्रपाल आदि की जमीन पहले कब्ज़ा कर ली थी तथा विगत 28 अप्रैल को टिंटू की जमीन भी बदमाशों को बुला कर फिल्मी स्टाइल में बंधक बना कर कब्जा कर लिया गया है ।
बताया जा रहा है कि इन गरीबों की थाने में कोई सुनवाई नहीं हुई।
लोगों का कहना है कि उपरोक्त नशा कारोबारी विकास दुबे की तर्ज पर लोगों में दहशत बिठाने में जुटे हैं।
इस संदर्भ में जब संवाददाता द्वारा थाना अध्यक्ष हुजूर पुर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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