लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के संसदीय दल के नेता होंगे, जिसकी औपचारिकता शीघ्र ही दिल्ली में पूरी होगी। इसी के साथ यह भी तय हो गया है कि यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की।
सपा के मुख्य प्रवक्ता एवं राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा, ‘अखिलेश यादव ही सपा संसदीय दल के नेता होंगे, इसका पहले से ही पता है, लेकिन संसदीय दल का नेता चुनने की औपचारिकता होती है और यह औपचारिकता दिल्ली में पूरी होगी।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण और लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के चयन के बाद सांसदों का शपथ ग्रहण होगा और उसके बाद संसदीय दल के नेता चुने जाने की औपचारिकता पूरी की जाएगी।’ उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से अपनी सदस्यता से इस्तीफा देंगे। उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने करहल से चुनाव जीता था और विधानसभा में वह नेता प्रतिपक्ष हैं। जाहिर है कि विधानसभा की सदस्यता छोड़ने के बाद वह नेता प्रतिपक्ष का भी पद छोड़ेंगे। हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव कन्नौज संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दल के तौर पर सपा ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए राज्य की 80 सीट में 37 पर जीत दर्ज की है। इस चुनाव परिणाम के बाद सपा लोकसभा में देश की तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
शुक्रवार को सपा मुख्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि पार्टी के नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों की बैठक आज प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया सभागार में अखिलेश यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह, राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, सांसद डिम्पल यादव, राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नरेश उत्तम पटेल, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल समेत निर्वाचित सांसद उपस्थित रहे। अखिलेश यादव ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों को जीत की बधाई दी। नवनिर्वाचित सभी सांसदों से मुलाकात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सभी सांसदों ने बहुत परिश्रम किया है। इस भीषण गर्मी में लगातार रात-दिन मेहनत की है, जिसका परिणाम अच्छा रहा। हमने जनता के मुद्दे उठाए और जनता ने समझा। आज समाजवादी पार्टी सबसे ज्यादा सीट जीतकर देश की तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है।” यादव ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘लोकसभा के चुनाव परिणामों ने सांप्रदायिकता को सदैव के लिए महत्वहीन कर दिया है। भाजपा की मनमर्जी के खिलाफ जनता की मर्जी की जीत हुई है। अब हमें 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी होगी।” सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी का पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) वास्तविक एजेंडा है जिसमें सामाजिक न्याय की अवधारणा है। यह एक पड़ाव है। पार्टी की लड़ाई लंबी है। समाजवादी व्यवस्था परिवर्तन के रास्ते पर चलने के लिए संकल्पित है।”
