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महिला सांसद बोली- महिला आयोग की अध्यक्ष अपने बॉस का पायजामा…, हुई एफआईआर, अब होगी गिरफ्तार, जानिये कौन है बदतमीज सांसद?

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नई दिल्ली। एक महिला सांसद ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष छतरी इसलिए नहीं पकड़ती क्योंकि वो अपने बॉस का पायजामा….। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। महुआ ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के बारे में सोशल मीडिया पर ‘अपमानजनक’ टिप्प्णी की थी। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। महुआ पहले भी विवादों में रह चुकी हैं। पिछली लोकसभा में कैश फॉर क्वेरी मामले में उनकी लोकसभा सदस्यता रद कर दी गई थी। मोइत्रा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 (किसी महिला का शील भंग करने के इरादे से दिया गया बयान, इशारा या हरकत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने एक जुलाई को लागू बीएनएस के तहत यह पहली प्राथमिकी दर्ज की है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता ने ‘एक्स” पर पोस्ट किए गए एक वीडियो पर टिप्पणी की थी, जिसमें शर्मा चार जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मचने के बाद वहां जाती हुई दिख रही थीं। मोइत्रा ने बाद में उस पोस्ट को हटा दिया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) प्रमुख के पीछे एक व्यक्ति के छाता लेकर चलने पर टिप्पणी की थी। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पूछा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को मोइत्रा को बर्खास्त करने से कौन रोक रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनसीडब्ल्यू की ओर से पुलिस आयुक्त को दी गई शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। अधिकारी ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा, “आयोग को महिलाओं के अधिकारों के हनन से संबंधित मामलों की निगरानी और जांच करने तथा महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने का अधिकार है।” प्राथमिकी में कहा गया है कि एनसीडब्ल्यू ने मोइत्रा की “अपमानजनक टिप्पणी” का स्वत: संज्ञान लिया है। प्राथमिकी में कहा गया है, “मोइत्रा की अभद्र टिप्पणी बेहद अपमानजनक है और महिलाओं के सम्मान के साथ जीने के अधिकार का सरासर उल्लंघन है।” अधिकारी के अनुसार, आयोग ने पाया कि इस टिप्पणी के लिए बीएनएस की धारा 79 के तहत मामला बनता है। प्राथमिकी में कहा गया है, “आयोग मोइत्रा की अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा करता है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए… विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट तीन दिन में आयोग को दी जाए।”

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