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अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए एनओसी की जरूरत नहीं, पढ़ें सरकार का नया फैसला

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चंडीगढ़। पंजाब मंत्रिमंडल ने भूमि और संपत्तियों के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता को समाप्त करने को बुधवार को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। इस संबंध में निर्णय मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की एक बैठक में लिया गया। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनओसी खंड को खत्म कर दिया जाएगा और आगे के तौर तरीके पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास 31 जुलाई 2024 तक जमीन की रजिस्ट्री और पंजीकृत विक्रय अनुबंध है, उन्हें एनओसी की जरूरत नहीं होगी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बाद में बताया कि इस निर्णय का एकमात्र उद्देश्य आम जनता को सुविधा प्रदान करना है, क्योंकि अवैध कालोनाइजर लोगों को सब्जबाग दिखाकर और उन्हें बिना मंजूरी वाली कालोनियां बेचकर ठगते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इन कॉलोनियों में बुनियादी नागरिक सुविधाएं पाने के लिए असहाय लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आम आदमी के हितों की रक्षा करेगी। एक अन्य निर्णय में, मंत्रिमंडल ने पंजाब अग्नि सुरक्षा एवं आपातकालीन सेवा विधेयक, 2024 को भी अपनी मंजूरी दे दी। इस प्रस्तावित कानून के लागू होने के बाद, पंजाब में इमारतों के मालिकों और कब्जाधारियों को सालाना नहीं बल्कि हर तीन साल बाद अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। प्रवक्ता ने कहा कि मामलों से इमारतों के जोखिम वर्गीकरण के अनुसार निपटा जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि इस कानून में आग के जोखिम और अन्य के वास्ते व्यक्तियों के बीमा से संबंधित प्रावधान होंगे। एक अन्य कदम में, कैबिनेट ने राज्य में पंजीकृत पर्यटक वाहनों पर मोटर वाहन कर को कम करने की मंजूरी दी। प्रवक्ता ने कहा, “चूंकि पड़ोसी राज्यों में पंजीकृत वाहनों पर कर की तुलना में कर बहुत अधिक था, इसलिए राज्य में ऐसे वाहनों का पंजीकरण कम था लेकिन इस कदम से प्रवृत्ति उलट जाएगी, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी।” कैबिनेट ने लग्जरी वाहनों पर अतिरिक्त रोड टैक्स लगाने पर भी सहमति व्यक्त की, जिससे 87.03 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की संभावना है। प्रवक्ता ने कहा कि कैबिनेट ने पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम के लिए पुराने परिवहन और गैर-परिवहन वाहनों पर ‘ग्रीन टैक्स’ (हरित कर) लगाने को भी मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने युवा सेवा नीति-2024 को भी हरी झंडी दे दी, जिसका उद्देश्य युवाओं को नशे के खतरे से दूर करना और उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाना है। प्रवक्ता ने बताया कि नीति युवाओं को समाज कल्याण गतिविधियों के प्रति प्रोत्साहित करेगी तथा उनके कौशल में सुधार करेगी, साथ ही उन्हें खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा समाज कल्याण कार्यों से जोड़ेगी। मंत्रिमंडल ने खेल विभाग के ‘उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम’ बनाकर खेल नियमित कैडर सेवा नियमों में संशोधन करने को भी मंजूरी दे दी। प्रवक्ता ने बताया कि खेल विभाग में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल ने गैर-वन सरकारी तथा सार्वजनिक भूमि के लिए वृक्ष संरक्षण नीति को भी मंजूरी दे दी। प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है, जिसका लगभग 83 प्रतिशत क्षेत्र कृषि के अधीन है, लेकिन वन तथा वृक्ष आवरण के अंतर्गत कुल क्षेत्र लगभग 5.92 प्रतिशत है। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने इसे 2030 तक 7.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। मंत्रिमंडल ने 792.88 करोड़ रुपये की लागत से कृषि वानिकी और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक परियोजना शुरू करने को भी मंजूरी दे दी। इस परियोजना से राज्य में कृषि वानिकी के माध्यम से वृक्ष आच्छादन क्षेत्र को बढ़ाने, भूजल संरक्षण और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भारत सरकार, जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) और राज्य वन विभाग द्वारा तैयार की जाएगी।

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