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शाबास कमिश्नर साहब! जो कोई न कर पाया वो आपने कर दिखाया, बिल्डिंग ब्रांच के भ्रष्ट अधिकारियों को अब सही काम पर लगाया, पढ़ें जालंधर नगर निगम कमिश्नर के ऐतिहासिक फैसले से क्यों खुश है जनता?

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच के कथित तौर पर भ्रष्ट अधिकारियों को सही राह पर लाने का निगम कमिश्नर ने शानदार तरीका अपनाया है। गौतम जैन ने वो कर दिखाया जो जालंधर नगर निगम के इतिहास में अब तक कोई नहीं कर पाया। अवैध बिल्डिंगों और अवैध कॉलोनियों पर नकेल कसने की जगह उनसे अवैध वसूली कर लाखों-करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे करने वाले इन भ्रष्ट अधिकारियों को नगर निगम कमिश्नर ने अब कचरा सफाई के काम में लगाया है। कमिश्नर के इस फरमान के बाद नगर निगम के कथित तौर पर भ्रष्ट और लापरवाह एमटीपी, एटीपी, बिल्डिंग इंस्पेक्टर और अन्य अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है लेकिन जनता में इस फैसले की खूब सराहना हो रही है। खास तौर पर वो लोग कमिश्नर के इस फैसले को शानदार, सराहनीय और ऐतिहासिक करार दे रहे हैं जिनसे बिल्डिंग ब्रांच के इन अधिकारियों ने जमकर अवैध वसूली की थी या रिश्वत न मिलने पर उनकी इमारतों के खिलाफ कार्रवाई की थी। लंबा पिंड निवासी एक कॉलोनाइजर ने बताया कि रिश्वत के तौर पर मोटी रकम वसूलने के बावजूद बिल्डिंग ब्रांच के भ्रष्ट अधिकारियों ने उनकी कॉलोनी नियमित करने की जगह ध्वस्त कर दी थी। वहीं, लद्देवाली के एक निवासी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि बिल्डिंग ब्रांच पर तो स्थाई रूप से ताला लगाकर इस ब्रांच के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थाई तौर पर कचरा सफाई के काम में लगा देना चाहिए। उनका तर्क था कि ये भ्रष्ट अधिकारी न तो शहर में अवैध निर्माण रोक पा रहे हैं और न ही सरकारी खजाना भर पा रहे हैं। उल्टा अपनी जेबें जरूर भर लेते हैं। ऐसे विभाग के होने न होने से सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्होंने गौतम जैन को इस फैसले के लिए हार्दिक धन्यवाद अदा किया है कि उन्होंने बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों को कचरा सफाई के काम पर लगा दिया है।
लोगों का कहना है कि यह काम वर्षों पहले हो जाता तो बिल्डिंग ब्रांच का भ्रष्टाचार कुछ कम हो जाता। उन्होंने निगम कमिश्नर गौतम जैन से अपील की है कि उन्होंने जो शुरुआत की है उसे आगे बढ़ाएं और इसी तरह भ्रष्ट अधिकारियों को काम पर लगाएं। बता दें कि नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन ने एमटीपी, एटीपी, बिल्डिंग इंस्पेक्टर, एक्सईएन, डीसीएफए सहित कई अधिकारियों को शहर से कचरा साफ कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। सभी को अलग-अलग क्षेत्र आवंटित किए गए हैं। लोगों का कहना है कि इससे जालंधर शहर की खूबसूरती में चार चांद लगेंगे और बड़े अधिकारियों के अनुभव का लाभ भी शहर को मिलेगा।

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