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एग्जिट पोल, यूपी उपचुनाव में भाजपा की जीत, सपा की हार, छिटपुट हिंसा के बीच मतदान संपन्न, पढ़ें कहां-कहां हुई हिंसा और क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स?

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली

उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी सभी एग्जिट पोल में भाजपा की जीत का अनुमान लगाया गया है। सभी एग्जिट पोल्स में मैनपुरी की करहल और मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत का अनुमान लगाया गया है। वहीं, कुछ एग्जिट पोल्स में इनके अतिरिक्त कानपुर की सीसामऊ सीट पर भी सपा की जीत का अनुमान जताया गया है। सभी एग्जिट पोल्स अन्य दलों को एक भी सीट न मिलने का दावा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा की 9 सीटों पर बुधवार को 49.3 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच सुबह सात बजे शुरु हुआ और पांच बजे सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदान आमतौर पर संपन्न हो गया। कानपुर के सीसामऊ,मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी क्षेत्र में गड़बड़ी फैलाने के प्रयास की इक्का दुक्का घटनाओं को छोड़ कर मतदान आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा। मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा में सबसे अधिक 57.7 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जबकि सबसे कम मतदान गाजियाबाद विधानसभा में 33:3 फीसदी हुआ। इसके अलावा मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा में 57.3, कटेहरी ( आंबेडकरनगर) में 56.9, करहल (मैनपुरी) में 54.1, मझवां (मिर्जापुर) में 50.4, सीसामऊ (कानपुर) में 49.1 ,खैर (अलीगढ़) में 46.3,फूलपुर (प्रयागराज) में 43.4 फीसदी मतदान हुआ। इस बीच मतदाताओं की आईडी मांगने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को निर्वाचन आयोग के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है जिनमें कानपुर और मुजफ्फरनगर में दो दो और मुरादाबाद का एक पुलिसकर्मी शामिल है। निर्वाचन आयुक्त रणदीव उपचुनाव में से आठ सीटें मौजूदा विधायकों के लोकसभा चुनाव के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ सीट पर मौजूदा सपा विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव में आज कुल 90 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जायेगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी और उसी दिन सभी परिणाम सामने आने की संभावना है। सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से हैं, जबकि सबसे कम 5-5 उम्मीदवार खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ सीट पर हैं। पिछले विधानसभा चुनाव (2022) में, सपा ने सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीटों पर कब्जा जमाया था। मीरापुर सीट पर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का कब्जा था, जो अब भाजपा का सहयोगी दल बन चुका है। वही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीसामऊ को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इस उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली चुनावी लड़ाई है, जिसमें कांग्रेस ने खुद को बाहर रखा है और सपा का समर्थन किया है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी सभी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारते हुए अकेले चुनावी मैदान में है।

समाजवादी पार्टी (सपा) ने आरोप लगाया कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में पुलिसकर्मी मतदाताओं को मतदान करने से रोक रहे हैं, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया कि बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं। सपा और भाजपा दोनों ने निर्वाचन आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग से वीडियो साक्ष्य के आधार पर तत्काल संज्ञान लेने तथा दंडात्मक कार्रवाई करने और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की अपील की। निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की जांच करने और उन्हें मतदान करने से रोकने संबंधी शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए उसके दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा निर्वाचन आयोग से मतदाता पहचान पत्रों और आधार कार्ड की जांच करने वाले उन सभी पुलिस अधिकारियों को वीडियो साक्ष्य के आधार पर निलंबित करने के अनुरोध के बाद आयोग की यह टिप्पणी सामने आई है। आयोग के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने शिकायतों की पुष्टि के बाद पुलिसकर्मियों को उनके आचरण के लिए निलंबित कर दिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर ‘गुंडागर्दी’ करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि बुर्का पहनकर फर्जी वोट डाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “लाल टोपी वालों (सपा के कार्यकर्ताओं) के काले कारनामों का ताजा संस्करण देखकर हम सब स्तब्ध हैं।” सिंह ने आरोप लगाया कि उपचुनाव वाले क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी ने बाहर से अराजक तत्वों को बुलाकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की है। उन्होंने यह भी दावा किया, “बुर्का पहनकर महिलाएं फर्जी मतदान कर रही हैं।” प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मैनपुरी में सैफई परिवार और अखिलेश के “गुंडें आतंक फैलाने का प्रयास” कर रहे हैं जिसे न सरकार बर्दाश्त करेगी और न ही भारतीय जनता पार्टी और न ही राज्य की जनता । उन्होंने कहा कि ‘पीडीए’ (दलित, पिछड़ा अल्पसंख्यक) का नारा देने वाले अखिलेश यादव को “लाल टोपी वाले गुंडों” (सपा कार्यकर्ताओं) को नियंत्रित रखना चाहिये, बाकी पुलिस और प्रशासन अपनी कार्रवाई करेगा।

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