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आम आदमी पार्टी के विधायकों पर गिरी गाज, एक हुआ गिरफ्तार तो दूसरे को दो साल कैद की सजा, जानिये क्या है पूरा मामला?

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के दो विधायकों पर शनिवार को गाज गिर गई। एक विधायक को अदालत ने दो साल कैद की सजा सुनाई तो दूसरे को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश बालियान को पिछले साल दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि दिल्ली के उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बालियान को पूछताछ के लिए आर के पुरम स्थित दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा कार्यालय में बुलाया गया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बालियान को गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि बालियान जबरन वसूली की गतिविधियों में संलिप्त हैं और पार्टी ने प्रश्न किया था कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की है। आम आदमी पार्टी ने बालियान का बचाव करते हुए दावा किया कि उनकी गिरफ़्तारी अवैध है। वहीं बालियान ने भाजपा के आरोपों का खंडन किया और कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराएंगे जो उनके (बालियान) बारे में ‘‘झूठ फैलाते हैं।” एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बालियान और विदेश में रह रहे गैंगस्टर कपिल सांगवान के बीच कथित बातचीत का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुआ है। उन्होंने बताया कि बातचीत में व्यापारियों से जबरन वसूली का जिक्र है। उन्होंने बताया कि पूछताछ जारी है। आप सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जब से केजरीवाल ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था और बढ़ते अपराध का मुद्दा उठाना शुरू किया है तब से भाजपा और केंद्र सरकार ‘‘उनकी पार्टी के नेताओं को परेशान करने और उनके खिलाफ साजिश रचने की कोशिश कर रही है।” सिंह ने दावा किया, ‘‘बालियान को इसी साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ आरोप निराधार हैं।”
वहीं, दूसरे मामले में पंजाब में मालेरकोटला जिले की एक अदालत ने शनिवार को वर्ष 2016 के कुरान की बेअदबी से जुड़े मामले में दिल्ली के महरौली से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश यादव को दो साल की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश परमिंदर सिंह ग्रेवाल की अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में यादव को दोषी ठहराया और शनिवार को फैसला सुनाया। सजा सुनाए जाने के समय अदालत में उपस्थित यादव पर 11,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अदालत ने दो अन्य लोगों (विजय कुमार और गौरव कुमार) की दो साल की सजा को बरकरार रखा। एक अन्य आरोपी नंद किशोर को अधीनस्थ अदालत द्वारा बरी कर दिया गया। यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से जानबूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कार्य), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया। यादव को मार्च 2021 में अधीनस्थ अदालत ने बेअदबी मामले में बरी कर दिया था। इसके बाद शिकायतकर्ता मोहम्मद अशरफ ने उनको बरी करने के खिलाफ अपील दायर की थी। पुलिस ने शुरुआत में विजय, गौरव और किशोर पर मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में इस मामले में आप विधायक यादव को गिरफ्तार किया गया था।

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