यूपी

पुराने शहर में नए रंग भर रहे डॉ. अनीस बेग, कुल्हड़ वाली चाय से सखावत की जलेबी तक छुपे हैं कई पैगाम

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली
आला हजरत के शहर की बात हो और पुराने शहर का जिक्र न हो, ऐसा मुमकिन नहीं है। सुरमा नगरी के इस पुराने शहर से कई अनमोल यादें और किस्से जुड़े हुए हैं। यहां की शाम कुछ अलग ही कहानी कहती है और रमजान के पाक महीने में यहां की तस्वीर देखते ही बनती है। ऐसी ही एक यादगार शाम के गवाह बने समाजवादी पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल एंड फहमी आईवीएफ सेंटर के डायरेक्टर डॉ. अनीस बेग। जगह थी सैलानी और दिन था शनिवार का। शहर की एक प्रतिष्ठित शख्सियत के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले अनीस बेग कुछ दोस्तों के साथ यूं ही निकल पड़े सैलानी की सड़कों पर।

फिर लोग मिलते गए और अनीस बेग अपने कारवां के साथ किसी आम नागरिक की तरह आगे बढ़ते जा रहे थे। उन्होंने कुल्हड़ वाली चाय का लुत्फ उठाया और फिर सैलानी में सखावत (काशिफ) की जलोबियां भी खाईं। राहगीरों से हाथ मिलाकर और गले लगकर उनका हाल-चाल लिया। रेस्तरां से लेकर छोटी सी गुमटी पर बैठे दुकानदारों से बड़ी आत्मीयता से मिले। उतना ही प्यार लोगों ने भी डॉक्टर अनीस बेग को दिया।


आमतौर पर देखा जाता है कि बड़े नेता सिर्फ चुनावी मौसम में ही सड़कों पर चहलकदमी करते और लोगों से मुलाकात करते नजर आते हैं लेकिन अनीस बेग की यही खासियत उन्हें औरों से जुदा बनाती है कि अपनों के बीच जाने के लिए वो चुनावी मौसम का इंतजार नहीं करते।


पुराने शहर ने यूं तो बड़े-बड़े नेता दिए लेकिन जिस तरह अनीस बेग यहां के लोगों के बीच नजर आते हैं उस तरह अब कोई नेता सड़कों पर दिखाई नहीं देता। यूं तो कोई बड़ा नेता पुराने शहर का रुख अब नहीं करता लेकिन अगर कभी कोई आता भी है तो वो सिर्फ वोट के ठेकेदारों के घरों की बैठकों से बाहर नहीं निकल पाता। आम जनता के लिए उसके पास फुरसत ही नहीं होती।


अनीस बेग की इस पहल को कोई राजनीतिक पैंतरा बता रहा है तो कोई उनका बड़प्पन लेकिन पुराने शहर के लोग उन्हें एक ऐसी उम्मीद के तौर पर देख रहे हैं जो उनकी आने वाली पीढ़ियों को एक नई दिशा दे सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अनीस बेग आगामी विधानसभा चुनाव बरेली कैंट सीट से लड़ना चाहते हैं और पुराना शहर इस सीट का सबसे अहम हिस्सा है लेकिन रमजान के पाक महीने में पुराने शहर की सड़कों पर उनका पैदल सैर को निकलना किसी सियासत का हिस्सा नहीं।

ऐसा इसलिए भी कह सकते हैं क्योंकि फिलहाल न तो कोई चुनाव आने वाले हैं और न ही अनीस बेग पुराने शहर से किसी पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। निश्चित तौर पर अनीस बेग पुराने शहर के लोगों के दिलों को जीतने की कवायद में जुटे हैं और यह सैर उसी कवायद का एक हिस्सा हो सकती है। वह पुराने शहर के उस दर्द का भी इलाज करना चाहते हैं जिसका अंत अब तक कोई सियासतदान नहीं कर सका है। और यह सब पुराने शहर की सड़कों पर उतरकर ही संभव है, बंद एसी कमरों में बैठकर चुनावी ठेकेदारों के सहारे जीत की रणनीति बनाने वाले नेता इस बात को कभी नहीं समझ सकते।


अनीस बेग ने अपनी इस सैर का जिक्र अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी किया है। वह लिखते हैं, ‘रमज़ान में कैंट विधानसभा क्षेत्र में सैलानी की सैर, माशाल्लाह कैंट में इश्तियाक भाई ने बेहतरीन कुल्हड़ चाय पिलाई और फिर सैलानी पर सख़ावत (काशिफ़) की जलेबी, आरिफ भाई की चाय बंद मक्खन के साथ, फिर शाही पीस, खिचड़ा, गुलाब जामुन और सबसे ज़्यादा लोगो की मोहब्बत। आप लोगों का दिल से शुक्रिया।’


इस दौरान रास्ते में जो भी अनीस बेग से मिला उन्हें सपा नेता ने रमजान की मुबारकबाद भी दी। साथ ही यह भी कहा कि रमजान का यह पाक महीना इंसानियत, भाईचारे और मोहब्बत का महीना है। उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी मिलकर अपने समाज को और बेहतर बनाएं एवं जरूरतमंदों की मदद करें।
बहरहाल, अनीस बेग की इस पहल की खूब सराहना हो रही है। उन्हें एक जन नेता के तौर पर देखा जा रहा है। खास तौर पर अनीस बेग की मौजूदगी ने पुराने शहर के लोगों के साथ ही बरेली के नेताओं को भी एक सकारात्मक संदेश देने का काम किया है। अनीस बेग की इस पहल में ओवैस रजा खां, उस्मान रजा खां, चौधरी राशिद मेवाती, डॉक्टर अजहर, दानिश, मोहम्मद साजिद उर्फ पप्पू भाई, नदीम अंसारी, निसार पहलवान,मिक्की बेग, आरिफ और यावर खां भी साथ रहे।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *