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रामपुर के नवाब ने जनसेवा के लिए दी थी जमीन, भूमाफिया ने करोड़ों में कर दिया सौदा, जिले से राजधानी तक हुई शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई, पढ़ें मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज का खेल मैदान बेचने वाले भूमाफियाओं के काले कारनामों का काला चिट्ठा

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नीरज सिसौदिया, बरेली
वो रामपुर के नवाबों का दौर था। भारत उस वक्त गुलाम था। गुलामी के उस दौर में भी बरेली धीरे-धीरे नई इबारतें लिख रही थी। रामपुर के नवाब जनसेवा में विश्वास रखते थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में जनसेवा के कई ऐसे काम किए जिनकी मिसालें सदियों तक दी जाती रहेंगी। ऐसा ही एक काम उन्होंने बरेली के लोगों की भलाई के लिए किया था। वर्ष 1871 की बात है। उस समय डॉक्टर क्लेरा स्वेन को रामपुर के नवाब कल्वे अली खां ने सिविल लाइंस इलाके में स्थित मेथोडिस्ट इंटर कॉलेज के खेल मैदान और आसपास की जमीन जनसेवा के लिए दान कर दी थी। गुलाम भारत में सब ठीक रहा। फिर भारत आजाद हुआ। दशकों तक सबकुछ वैसा ही रहा जैसा रामपुर के नवाब चाहते थे। उस समय यह जमीन अमेरिकन न्यू वेस्ट मिशन (अब मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया) के नाम पर दर्ज थी। वर्षों से यह जमीन शैक्षणिक और सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग की जाती रही है। लेकिन अब कथित तौर पर राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण में भूमाफियाओं ने इस पर कब्जा जमा लिया है। बात सिर्फ कब्जे तक ही रहती तो भी कुछ उम्मीद बाकी रहती लेकिन भूमाफियाओं ने मिलकर इस जमीन का करोड़ों रुपए में अवैध रूप से सौदा कर डाला है। दिलचस्प बात यह है कि जिस पुलिस प्रशासन को इन भूमाफियाओं पर नकेल कसनी चाहिए थी, उसी पुलिस की मौजूदगी में भूमाफियाओं ने यहां बाउंड्री वॉल खड़ी करवा दी। वरिष्ठ भाजपा नेता और जिला सहकारी संघ के पूर्व चेयरमैन महेश पांडेय ने जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से इसकी शिकायत की लेकिन इन भूमियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। दिलचस्प पहलू यह है कि मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश भी दिए थे लेकिन स्थानीय प्रशासन ने योगी के आदेशों को भी कूड़े के ढेर में डाल दिया।
वरिष्ठ भाजपा नेता महेश पांडे ने 17 फरवरी 2024 को इसकी शिकायत की थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब दोबारा 15 दिसंबर 2024 को लिखित शिकायत दी गई, तब जाकर एडीएम सिटी को जांच का जिम्मा सौंपा गया। परंतु अब तक जांच में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
महेश पांडे ने अब एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि भूमाफियाओं ने स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ मिलीभगत कर झूठे दस्तावेज तैयार कर इस जमीन को खुर्द-बुर्द कर दिया। अत: इसकी जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 1871 में नवाब रामपुर द्वारा दी गई वह जमीन धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए थी, जिसमें एक चिकित्सालय और शैक्षणिक संस्थान शामिल थे।
राजस्व अभिलेखों में यह जमीन अमेरिकन न्यू वेस्ट मिशन के नाम दर्ज थी, लेकिन बाद में इसे मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के नाम से जाना गया। वर्ष 2021 में कुछ विवादित आदेशों के तहत यह जमीन एजी एग्जीक्यूटिव बोर्ड, मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया, मुंबई के नाम दर्ज कर दी गई।
वर्ष 2009 में मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज का संचालन करने वाली संस्था ने एक जॉइंट वेंचर एग्रीमेंट किया, जिसमें 30 एकड़ जमीन का उपयोग मेडिकल कॉलेज और अन्य संस्थानों के लिए किया जाना था। इस एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि “गर्ल्स स्कूल कैंपस” को इस योजना से अलग रखा जाएगा लेकिन 2022 में भूमाफियाओं ने इस एग्रीमेंट की अनदेखी कर इसे लीज पर दे दिया। लीज डीड के अनुसार, 610 वर्ग मीटर जमीन को अवैध रूप से “शॉपिग कॉम्प्लेक्स” बनाने के लिए दे दिया गया। खेल मैदान को “अनयूज्ड लैंड बता दिया गया।


हैरानी की बात है कि डीआईओएस जैसे जिम्मेदार अधिकारी इस मामले की कोई जानकारी होने से ही इनकार कर रहे हैं। जबकि नियमानुसार स्कूल से संबंधित किसी भी लीज पर शिक्षा विभाग की अनुमति जरूरी होती है। 1921 के यूपी एजुकेशन एक्ट और 1974 के अधिनियम में यह प्रावधान स्पष्ट रूप से किया गया है कि स्कूल परिसरों की संपत्ति बिना निदेशक की अनुमति के न तो बेची जा सकती है और न ही लीज पर दी जा सकती है।
महेश पांडे के अनुसार,
4 मार्च 2022 को मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के कथित पदाधिकारी न्यूटन परमार ने 610 वर्ग मीटर भूमि को क्षितिज इंटरप्राइजेज के नाम पर लीज पर दे दिया। इस कंपनी के साझेदार हरीश अरोड़ा, सुमित भारद्वाज और अन्य ने तुरंत चहारदीवारी बनाकर इस पर कब्जा कर पाठ-9-2023 का सीधा उल्लंघन किया है।
यह लीज यूपी सरकार के आदेश 623/पाठ-9-2023 का सीधा उल्लंघन है, जिसके तहत किसी भी स्कूल की जमीन को बिना सरकारी समिति के अनुमोदन के लीज पर नहीं दिया जा सकता।
इस मामले की जांच के लिए कोई विशेष कमेटी भी नहीं बनाई गई और न ही प्रशासन ने स्कूल प्रशासन की शिकायतों को गंभीरता से लिया। वर्ष 2019 में क्षेत्रीय शिक्षा सचिव को एक मनगढ़ंत नक्शा सौंपा गया, जिसमें खेल मैदान के एक बड़े हिस्से को “अनयूज्ड लैंड घोषित कर दिया गया। इसी नक्शे के आधार पर 2022 में लीज डीड की गई। जब यह मामला उठा तो स्थानीय प्रशासन ने भी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
महेश पांडे ने बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड सुनील मसीह है, जो मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया का क्षेत्रीय कार्यकारी सचिव है। इनके खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं, जिनमें 420, 467, 468, 471 जैसी गंभीर धाराओं के तहत केस शामिल हैं। इसके अलावा, जगमोहन सिंह, हरीश अरोड़ा, सुमित भारद्वाज और अन्य भूमाफियाओं ने भी इस जमीन को खुर्द-बुर्द करने में अहम भूमिका निभाई है।
मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं और उनके अभिभावकों के बीच इस मामले को लेकर गहरी चिंता देखने को मिल रही है। खेल मैदान पर कब्जे के कारण छात्राओं के लिए खेल-कूद की गतिविधियां बाधित हो गई हैं जबकि अन्य स्कूलों में स्पोर्ट्स का एक विशेष पीरियड लिया जा रहा है।

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